भूपेश बघेल का छत्तीसगढ़ की संस्कृति को बढ़ावा बड़ा चुनावी मुद्दा

Shri Mi
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रायपुर। कांग्रेस ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की छत्तीसगढ़ संस्कृति को बढ़ावा देने का प्रयास इस चुनाव में बड़ा मुद्दा होगा। भाजपा ने 15 सालों तक छत्तीसगढ़ के खान-पान, संस्कृति, तीज, त्योहार को पीछे धकेल दिया था, कांग्रेस की सरकार ने उसको बढ़ावा दिया।

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भाजपा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का विरोध करते-करते छत्तीसगढ़ की संस्कृति का विरोध करना शुरू किया। भाजपा के प्रभारी नितिन नवीन ने तो छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति लगाने का विरोध किया था। उनके समर्थन में वरिष्ठ भाजपा नेता अजय चंद्राकर ने तो छत्तीसगढ़ महतारी के स्वरूप को ही नकार दिया था। अजय चंद्राकर ने तो माता कौशल्या के मायके पर भी सवाल खड़ा किया था।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि हरेली पर गेड़ी चढ़ने, अक्ती में माटी पूजन तिहार और श्रमिक दिवस पर बोरे बासी खाने, विश्व आदिवासी दिवस महोत्सव सभी का तो भाजपा ने विरोध किया।

यहां तक गोधन न्याय योजना में गोबर खरीदी तक का माखौल उड़ाया। यह सब भाजपा की छत्तीसगढ़ विरोधी मानसिकता को समझने के लिये पर्याप्त है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही लगातार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्य की संस्कृति, तीज त्योहारों, परंपरा स्थानीय बोली भाषा को बढ़ावा देने के लिये प्रयास कर रहे है।

तीजा पर छुट्टी, तीजा पोला, हरेली, कमरछठ का मुख्यमंत्री निवास सहित शासकीय स्तर पर आयोजन कर छत्तीसगढ़िया त्योहारों का मान बढ़ाया है।

श्री राम वन गमन पथ और माता कौशल्या मंदिर के निर्माण से छत्तीसगढ़ की वैभवशाली आध्यात्मिक परंपरा पुर्नजीवित हुई। विश्व आदिवासी नृत्य महोत्सव, आदिवासी साहित्य सम्मेलन का आयोजन कर कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़ की समृद्ध प्राचीन आदिवासी संस्कृति को देश दुनिया के सामने लाकर गौरवान्वित करने का काम किया है। भाजपा को इस बात की पीड़ा है कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति के संरक्षण का जो काम भूपेश बघेल कर रहे वह भारतीय जनता पार्टी 15 साल तक नहीं कर पाई।

By Shri Mi
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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