NTPC में बड़ा हादसा..टैंक फटने से जूनियर कर्मचारी की मौत..कर्मियों ने प्रबंधन पर लगाया लापरवाही का आरोप.. मचाया जमकर हंगामा..शुरू हुआ रफा दफा का प्रयास

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—(रियाज अशरफी) एक बार फिर एनटीपीसी प्रबंधन की लापरवाही से युवा जूनियर कर्मचारी की मौत का मामला सामने आया है। मल्चिंग मशीन टेस्टिंग के दौरान स्टोरेज टैंक फटने से कर्मचारी की मौत हो गयी है। यद्यपि मामले को दबाने का प्रयास किया गया। लेकिन साथी कर्मचारियों के हंगामा के बाद प्रबंधन बैकफुट पर है। बावजूद इसके प्रबंधन की तरफ से हादसे को मृत कर्मचारी के सिर पर ही डालने का प्रयास कर रहा है।
 
               एनटीपीसी में मल्चिंग मशीने टेस्टिंग के दौरान टैंक फटने से युवा जूनियर कर्मचारी की मौत हो गयी है। बताया जा रहा है कि हादसे के समय कर्मचारी अकेले काम कर रहा था। यदि घटना स्थल पर कर्मचारियों की संख्या ज्यादा होती तो शायद कई कर्मचारियों को जान से हाथ धोना पड़ जाता। बहरहाल घटना के बाद कर्मचारियों में भयंकर आक्रोश है। कर्मचारियों ने घटना और मौत के लिए NTPC प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप भी लगाया है।
 
               हादसे में जान से हाथ धोने वाला युवक सीपत थाना क्षेत्र ग्राम देवरी- पंधी का निवासी है। मृतक का नाम नरेंद्र मिश्रा है। मृतक  NTPC में जूनियर टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत था। रोज की तरह नरेन्द्र मिश्रा सुबह अपनी ड्यूटी पर पहुंचा।  काम करते समय अचानक स्टोरेज टैंक में जोरदार ब्लास्ट हुआ। विस्फोट इतना भयंकर था कि नरेंद्र मिश्रा के सिर के चिथड़े हो गए। और मौके पर ही उसने दम तोड़ दिया।
 
             अचानक विस्फोट की आवाज से कर्मचारी दहशत में आ गए।  और इधर-उधर भागने लगे। आवाज आने के कुछ देर बाद जब कर्मचारी मौके पर पहुंचे तो नरेंद्र मिश्रा गंभीर रूप से घायल पड़ा था। आनन फानन में लोगों के सहयोग से नरेन्द्र को एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया। लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
 
                 हादसे की खबर नरेंद्र मिश्रा के परिजन को दी गयी। खबर NTPC कर्मियों और आसपास के लोगों तक भी पहुंची। लोगों की भीड़ एनटीपीसी अस्पताल पहुंच गयी।भाजपा युवा मोर्चा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी पहुंच गए। सभी ने प्रबंधन पर मामले को दबाने का आरोप लगाया। साथ ही सुरक्षा उपाय में लापरवाही बरतने की बात को लेकर जमकर हंगामा किया। इस दौरान एनटीपीसी के अधिकारियों ने समझाइश देकर भीड़ को शांत कराने का प्रयास भी किया।
 
                 प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि  हादसा के समय नरेद्र् मिश्रा मौके पर अकेले ही थो।  जबकि मौके पर दर्जन से अधिक कर्मचारियों की ड्यूटी लगती है। लंच के कारण लोग इधर-उधर गए थे। लौटने पर उन्हें हादसे की जानकारी मिली। बताया जा रहा है कि हादसे के समय यदि मौके पर सभी कर्मचारी मौजूद होते तो मामला बहुत ही गंभीर हो सकता था।
 
 
 
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