बड़ी खबर..PGBT महिला व्याख्याता को शासन ने किया बर्खास्त…15 लाख से अधिक ठगी का आरोप…10 साल से थी गायब

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—- स्कूल शिक्षा मंत्रालय ने बिलासपुर स्थित पीजीबीटी कालेज शिक्षिका पर लगाए गए ठगी और लम्बे समय तक गायब मामले में जांच पड़ताल के बाद बर्खास्तगी का आदेश दिया है। अवर सचिव के हस्ताक्षर से जारी आदेश में बताया गया है कि पीजीबीटी कालेज मीना श्रीवास्तव ने शासकीय नियमों का घोर उल्लंघन किया है। साथ ही ठगी मामले में दोषी भी पाया गया है। रिपोर्ट में पेश किए गए दोष के मद्देनजर मीना श्रीवास्तव को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाता है।
करीब दस साल से गायब पीजीपीटी शिक्षिका मीना श्रीवास्तव को स्कूल शिक्षा मंत्रालय ने एक आदेश जारी कर सेवा समाप्त का कर दिय है। बताते चलें कि मीना श्रीवास्तव प्रतिनियुक्ति पर शासकीय उन्नत अध्ययन शिक्षण संस्थान, बिलासपुर में पदस्थ हैं। इस दौरान मीना श्रीवास्तव पर दिल्ली स्थित हेल्थ केयर कम्पनी के नाम पर लाखों रूपयों की ठगी का आरोप है। मामले में सरकंडा थाना में पीड़ितों की शिकायत पर आईपीसी की धारा 420, 34, का अपराध दर् जहै। अपराध दर्ज होने के बाद पुलिस से बचने मीना श्रीवास्तव अपराध दर्ज होने की तारीख 7 जुलाई 2012 से 11 मार्च 2021 तक अनाधिकृत रूप से शैक्षणिक सेवा से दूर रही। 
शासन ने लगातार अनुपस्थित रहने की शिकायत पर 28 सितम्बर 2022 को दो सदस्यीय विभागीय जांच टीम का गठन का गठन किया गया। टीम में संभागीय संयुक्त संचालक,बिलासपुर को जांचकर्ता अधिकारी और प्राध्यापक मनोज सिंह को शामिल किया गया। जांच टीम के सदस्य मनोज सिंह ने रिपोर्ट तैयार कर किया। रिपोर्ट में मीना श्रीवास्तव को दोषी पाया गया है।
 मंत्रालय से जारी आदेश में बताया गया है कि पीजीबीटी शिक्षिका मीना श्रीवास्तव और पति बी.पी. खरे  ने मिलकर लोगों से  आनंद हेल्थ केयर कंपनी में नगद जमा कराया। 10 प्रतिशत प्रतिमाह व्याज और मूलधन वापसी का वादा किया। मीना श्रीवास्तव ने परिचितों से करीब 15,00,000 से अधिक रूपयो की ठगी को अंजाम दिया है। रूपया वापस नहीं होने पर पीड़िता ने सरकंडा थाना में आईपीसी की धारा 420, 34 का अपराध दर्ज कराया। 
 स्कूल शिक्षा मंत्रालय से जारी आदेश के अनुसार अपराध दर्ज होने के बाद मीना श्रीवास्तव पुलिस को सहयोग नहीं करते हुए बिना किसी सूचना के कार्य स्थल से गायब हो गयी। इस दौरान उन्होने छत्तीसगढ़ से बाहर अलग अलग स्थानों से डाक और कोरियर से अनुपस्थिति रहने की सूचना दी। शिक्षिका को 10 मार्च 2021 को न्यायालय ने जमानत दिया। जमानत मिलने के बाद मीना 12 मार्च 2021 को अपने काम पर लौटी। इस दौरान विभागीय जांच में बताया गया कि दस साल तक मीना श्रीवास्तवु नियम विरूद्ध काम से गायब रहीं।
आदेश में बताया गया है कि नियमानुसार शासन का कोई भी कर्मचारी बिना सूचना तीन साल से अधिक समय तक गायब नहीं रह सकता है। किसी प्रकार का अवकाश का भी मंजूर नहीं हो सकता है। सामान्य प्रशासन विभाग के अनुसार एक माह से अधिक समय तक गायब रहने वाले शासकीय सेवक की छुट्टी को भी मंजूर नहीं किया जा सकता है।  ऐसे शासकीय सेवक पर आरोप सिद्ध होने पर सेवा से हटाने का निर्देश है।
           जांच में दोषी पाए जाने के कारण मंत्रालय ने पीजीबीटी कालेज की व्याख्याता मीना श्रीवास्तव को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियमों के तहत बर्खास्त किया जाता है। 
 इधर बर्खास्तगी की खबर के बाद शिक्षा विभाग में जमकर हड़कम्प है। मामले में उच्च अधिकारियों से सम्पर्क का प्रयास किया गया। लेकिन किसी ने कोई जवाब नहीं दिया है।
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