CG NEWS:आधारशिला में शिक्षा संवाद – शिक्षा में उत्कृष्टता, सार्थकता एवं मूल्यों पर हुई सकारात्मक चर्चा

Chief Editor
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CG NEWS:बिलासपुर । आधारशिला विद्या मंदिर में ” सार्थक शिक्षा कैसे ” मंथन गोष्ठी का आयोजन किया गया । गोष्ठी में भिन्न भिन्न क्षेत्रों के विचारकों, चिंतकों, अभिभावकों व शिक्षाविदों ने शिक्षा की सार्थकता पर संवाद किया | इस कार्यक्रम में मौजूद अनुभवी वक्ताओं में सुप्रिया भारतीयन “आल इंडिया रेडियो बिलासपुर” से , प्रोफेसर संजय अयादे शिक्षा विभाग पी.जी.बी.टी. कालेज , केप्टन श्रीनिवास, जनरल मैनेजर आई.टी. स्मार्ट सिटी बिलासपुर प्रोजेक्ट, प्रोफेसर भास्कर चौरसिया ग्रामीण प्रौद्योगिकी विभाग गुरु घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर एवं विद्यालय के चेयरमैन डा. अजय श्रीवास्तव मौजूद रहे | साथ ही विद्यालय के अकादमिक निदेशक एस. के. जनस्वामी , प्राचार्या श्रीमती जी.आर. मधुलिका, शिक्षकगण, अभिभावकों में  रामकृष्ण साहु, जाहिद मोहम्मद ,  जगेन्द्र ठाकुर, श्रीमती शशिकला और छात्रों में सुमित विश्वकर्मा, सीफत मोहम्मद आदि उपस्थित रहे ।
“सार्थक शिक्षा कैसे ” मंथन कार्यक्रम की शुरुआत में प्रोफेसर संजय अयादे द्वारा अनुशासन पर विशेष बल एवं ध्यान देने की बात कही गई । उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य की सफलता और सार्थकता उसमें निहित अनुशासन पर निर्भर करती है । सुप्रिया भारतीयन द्वारा बताया गया कि अनुशासनहीनता का समाधान दण्ड देना ही नहीं है , बल्कि उसके कारणों को जानना , विश्लेषण करना, सामने वाले को समझना, पढ़ना व जानना जरूरी है । उन्होंने कहा कि छात्र – शिक्षक, शिक्षक – अभिभावक और माता – पिता व बच्चों के बीच बातचीत के अन्तराल को कम कर शिक्षा को सार्थक बनाने में एक सकारात्मक पहल होगी । अनुशासन के सभी नियम एवं उसके लिए किये सब काम तभी सार्थक होंगे जब बच्चे हमारी अनुपस्थिति में अनुशासित रहें। शिक्षकों और अभिभावकों को बच्चों के प्रेरणास्रोत के रुप में काम करना चाहिए क्योंकि बच्चे हर काम को बहुत बारीकी से सीखते हुए आत्मसात करते हैं ।
प्रोफेसर भास्कर चौरसिया ने मूल्य शिक्षा पर विमर्श करते हुए कहा कि बच्चों में नैतिकता , शिष्टाचार व जीवन मूल्प आदि का निर्माण करना, यह एक सतत प्रक्रिया है। इस कार्य हेतु शिक्षको और अभिभावकों को छोटे – छोटे कहानियों एवं उदाहरणों के माध्यम से बच्चों तक पहुॅंचानी होगी। बच्चों में अनुशासन की समझ पैदा करने के लिए उनके हर छोटे बड़े प्रश्नों क उत्तर हर शिक्षक और अभिभावक को शान्तभाव से प्रेम पूर्वक देना चाहिए । साथ ही बच्चों में एकाग्रता विकसित करने के लिए संगीत , आडियो, विजुअल माधयमों का प्रयोग करना चाहिए । NEP 2020 पर चर्चा करते हुए विचारकों ने गतिविधि आघारित शिक्षण और करके सीखना जैसे अवधारणाओं का पालन करने की बात कही , साथ ही बच्चों का मूल्यांकन कौशल आधारित गतिविधियों के आधार पर किया जाना चाहिए ।
अभिभावकों व अन्य आगंतुकों से संवाद के दौरान धनश्याम शर्मा और श्रीमती अनन्या दास ने विद्यालय के अनुशासन सम्बन्धित नियम साझा किये | साथ ही शिक्षा में आकलन, मूल्यांकन व परीक्षा आदि के विषय में श्री जोशी जोश और प्रियंका पाण्डेय द्वारा बताया गया।
विचारकों का सम्मान विद्यालय के चेयरमैन डा. अजय श्रीवास्तव , डायरेक्टर एस.के. जनस्वामी और प्राचार्या श्रीमती जी.आर. मधुलिका ने स्मृति चिन्ह भेंटकर किया । विद्यालय प्रबंधन ने विचारकों व अभिभावकों का धन्यवाद किया | उन्होंने कहा कि इन सभी विचारों के साथ आधारशिला विद्या मंदिर पूरे सत्र के लिए शिक्षकों की टीम और अभिभावकों के साथ बच्चो के बेहतर भविष्य को गढ़ने के लिए तैयार है। इस पूरे कार्यक्रम का संचालन शाहीन खानम और अनामिका बरिया ने किया ।

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