छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव (TS Singh Deo) ने शनिवार को उनके इस्तीफे की खबरों को खारिज कर दिया. उनकी मीडिया टीम ने एक ऑफिशियल व्हाट्सएप ग्रुप में जानकारी दी, “स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के मंत्रालय से इस्तीफे की खबरें पूरी तरह से निराधार हैं. मंत्री को निशाना बनाकर अफवाह उड़ाई जा रही है. आप सभी से अनुरोध है कि इस तरह की खबरों को नजरअंदाज करें.”भूपेश बघेल सरकार से स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की संभावना को लेकर पिछले दो दिनों से राजनीतिक गलियारों में बातचीत चल रही है. विधानसभा के हाल ही में संपन्न मानसून सत्र के दौरान, आदिवासी कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया था कि उन्हें मंत्री से जान का खतरा है.
विधायक के मंत्री टीएस सिंह देव के खिलाफ सार्वजनिक रूप से बयान देने के बाद आदिवासी समुदायों के कई विधायकों सहित लगभग 20 कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह के आवास पर उनके समर्थन में एकत्र हुए थे.
विधानसभा सत्र से निकल गए थे स्वास्थ्य मंत्री
जैसे ही विपक्षी बीजेपी सदस्यों ने आदिवासी कांग्रेस विधायक के आरोपों की जांच के लिए दबाव डाला, सिंहदेव ने एक स्टैंड लिया कि वह विधानसभा सत्र में शामिल नहीं होंगे जब तक कि सरकार उनके खिलाफ लगाए जा रहे आरोपों पर सफाई नहीं दे देती.
कांग्रेस ने विधायक को जारी किया था नोटिस
अंत में, राज्य कांग्रेस ने अपने विधायक बृहस्पति सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया, जिन्होंने बाद में इस तरह के बयान के लिए विधानसभा में खेद व्यक्त किया. राज्य के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने भी विधानसभा में बयान दिया कि पुलिस को स्वास्थ्य मंत्री पर लगे आरोपों में कोई दम नहीं मिला है.
मंत्री के खिलाफ कांग्रेस विधायक के आरोप अंबिकापुर शहर में एक रोड रेज की घटना के तुरंत बाद आए, जब तीन युवकों ने विधायक के काफिले में सुरक्षा कर्मियों के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया.
बाद में, सिंहदेव विधानसभा में लौट आए और कार्यवाही में भाग लिया. पिछले कुछ महीनों से, राजनीतिक हलकों में लगातार अटकलें लगाई जा रही हैं कि छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर कुछ मतभेद पैदा हो गए हैं- खासकर उन रिपोर्टों के बाद जिसमें कहा जा रहा है कि ढाई साल में मुख्यमंत्री बदलने का कांग्रेस के पास कोई फॉर्मूला था, जिसे लागू नहीं किया गया है.