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सीएम रमन बोले-किसानों को दीपावली से पहले मिलेगा धान का बोनस

raman_singh_newरायपुर।मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने रविवार सवेरे आकाशवाणी के रायपुर केन्द्र से अपनी मासिक रेडियो वार्ता ‘रमन के गोठ’ की 25 वीं कड़ी में प्रदेश वासियों को संबोधित किया।सीएम ने अपने रेडियो प्रसारण में प्रदेश सरकार की किसान हितैषी नीतियों सहित पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर राज्य में होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी दी।सीएम ने कहा कि इस बार जब मानसून कमजोर हुआ और प्रदेश के कुछ जिलों में सूखे के हालात पैदा हुए, तो इसकी चिंता छत्तीसगढ़ से लेकर दिल्ली तक में की गई। मैं अपने शीर्ष नेतृत्व से मिलने जब दिल्ली गया तो हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जी ने काफी संजीदगी से राज्य की स्थिति की चर्चा की और मेरे सुझाव पर सहमत हुए कि हमें छत्तीसगढ़ के किसानों को धान का बोनस देना चाहिए।

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                            प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की संवेदनशीलता और किसानों के प्रति उनका स्नेह किसी से छिपा नहीं है। उन्होंने बोनस के लिए तत्काल सहमति प्रदान की और आगे बढ़कर कहा कि किसानों को किसी भी स्थिति में तकलीफ नहीं होनी चाहिए। उन्हें हर संभव मदद की जानी चाहिए। इस प्रकार हमने खरीफ वर्ष 2016 में खरीदे गए धान का बोनस इस दीपावली के पहले किसानों को देने का निर्णय लिया है।

                           मुख्यमंत्री ने कहा कि 2016 में तेरह लाख से ज्यादा किसानों से 69 लाख 59 हजार मीटरिक टन धान की खरीदी हुई थी, जिस पर प्रति क्विंटल 300 रूपए की दर से 2100 करोड़ रूपए के बोनस का भुगतान किया जाएगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने दीपावली के पहले ‘बोनस तिहार’ मनाने और हर जिले में किसानों को बोनस देकर उनका उत्साह बढ़ाने का भी निर्णय लिया है।

                               मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ के किसानों से विगत तेरह वर्षो में छह करोड़ 91 लाख 59 हजार मीटरिक टन धान खरीद कर उन्हें सहकारी समितियों के जरिए लगभग 75 हजार करोड़ रूपए का भुगतान किया है। उन्होंने कहा कि सरकार की बागडोर संभाली उसके पहले छत्तीसगढ़ के किसानों से सिर्फ पांच लाख मीटरिक धान की खरीदी होती थी। उन्हें भुगतान मिलने में भी काफी तकलीफ होती थी, लेकिन हमने कम्प्यूटर आधारित पारदर्शी व्यवस्था की। किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए एक हजार 333 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के अंतर्गत 1989 उपार्जन केन्द्रों में धान खरीदी की व्यवस्था की गई है, ताकि किसानों को अपने गांव से दूर ना जाना पड़े।

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