कमिश्नर प्रभाकर ने तैयार किया नगर विकास की बुनियाद..अवैध प्लाटिंग पर चलाया जेसीबी.जब सायकल उठाया.तो साफ हो गया कचरा..मिला 3 स्टार रैंक

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—- शासन ने एक आदेश जारी कर निगम आयुक्त प्रभाकर पाण्डेय का स्थानांतरण अम्बिकापुर कर दिया है। जल्द ही प्रदेश के दूसरे बड़े शहर की कमान नए आयुक्त के हाथ में होगी। प्रभाकर पाण्डेय ने मात्र दो साल के कार्यकाल मे वह कर दिखाया कि जिसे करना बिना दृढ इच्छाशक्ति के संभव नही था। शहर को नया स्वरूप देने से लेकर बिलासपुर को बेहतर निगम के रूप में स्थापित करने में प्रभाकर पाण्डेय के काम को लम्बे समय तक याद किया जाएगा। 
 
            बेशक अवैध प्लाटिंग करने वालों के लिए निगम कमिश्नर प्रभाकर पाण्डेय का स्थानांतरण मरहम काम करे। लेकिन आम जनता शहर के समुचित विकास में प्रभाकर पाण्डेय की भूमिका को हमेशा याद रखेगी। दो साल के कार्यकाल में 15 पंचायत, एक नगर पालिका और दो नगर पंचायत जुड़ने के साथ ही बिलासपुर निगम सीमा का विस्तार हुआ। विस्तार के साथ ही पाण्डेय के सामने चुनौतियां का पहाड़ भी खड़ा हो गया। लेकिन प्रभाकर ने चुनौतियों और अड़चनों को मजबूती के साथ ना केवल सामना किया। बल्कि तेजी से कार्रवाई कर आने वाले अधिकारियों के लिए नजीर पेश किया है। 
 
          अपने दो साल के कार्यकाल में प्रभाकर पाण्डेय ने निगम सीमा विस्तार, पुरानी समस्याओं का निराकरण,स्वच्छता अभियान में शहर को अहम स्थान दिलाने में महति भूमिका निर्वहन किया। स्मार्ट सिटी योजनाओं को धरातल में उतारने का शानदार तरीके से किया। हो सकता है कि यह उपलब्धि लोगों को अभी नी दिखाई दे..लेकिन आने वाले समय यही लोग कहेंगे कि बिलासपुर के विकास में यदि पक्की बुनियाद रखने का काम कोई किया है तो वह व्यक्ति और कोई नहीं बल्कि प्रभाकर पाण्डेय है।
 
 आयुक्त के दो साल
 
            बतौर कमिश्नर…प्रभाकर के खाते में कई उपलब्धियाँ हैं। यह उपलब्धि आने वाले समय में बिलासपुर के विकास में मील का पत्थर साबित होगी। बरसों से विस्तार का बांट जोह रहे निगम में 17 ग्राम पंचायतों को शामिल करना,स्वच्छ सर्वेक्षण में बिलासपुर का देश में 11 वां स्थान मिलना ,स्मार्ट सिटी योजना को धरातल पर लाना,और अरपा रिवर फ्रंट जैसी योजनाओं को मूर्त रूप देने  का श्रेय  कमिश्नर पाण्डेय को जाता है। 
 
तैयार किया  कामकाज का वातावरण
 
             इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि प्रदेश के दूसरे बड़े नगर निगम में सब कुछ था..लेकिन कामकाज का वातावरण नहीं था। वातावरण तैयार करने में प्रभाकर पाण्डेय की भूमिका अहम् है। अंगद की तरह पांव जमाए अधिकारियों पर कार्रवाई की बात हो या कुर्सी तोड़ने वाले कर्मचारियों पर एक्शन लेने की बात।  प्रभाकर पाण्डेय दोनों काम को बखूबी से संभाला। फिर क्या था देखते ही देखते भ्रष्टाचार का पर्याय नगर निगम काम काज का केन्द्र बन गया।
 
दो साल और निगम की उपलब्धियां
 
               फरवरी 2019 में आयुक्त के तौर पर प्रभाकर पाण्डेय ने निगम की जिम्मेदारी को लिया। इस दौरान कमिश्नर पाण्डेय को दो चुनावी आचार संहिता का सामना प़ड़ा। कोरोना के बावजूद स्मार्ट सिटी योजना को धरातल पर उतारने का प्रयास किया। सेंट्रल लाइब्रेरी परिसर और इंक्यूबेशन सेंटर को तैयार करने को लेकर दिन रात एक किया। व्यापार विहार स्मार्ट रोड निर्माण में आ रही बाधाओं को दूर कर सालों की समस्या का समाधान किया। मिट्टी तेल गली को अतिक्रमण से मुक्त कराना प्रभाकर पाण्डेय की बड़ी उपलब्धियों में है। प्लेनेटेरियम के निर्माण में गति लानने से लेकर नेहरू चौक से मंगला चौक सड़क का विकास,आईजी मार्ग का सौंदर्यीकरण,कलेक्टोरेट मल्टीलेवल पार्किंग,आईटीएमएस, वर्टिकल गार्डन,ज्वाली नाला विकास परियोजना,तालाबों का सौंदर्यीकरण के काम को प्रभाकर पाण्डेय ने पूरी गंभीरता से लिया। 
 
             शहर के चौक चौराहों को सुन्दर और यातायात को सुगम बनाने को लेकर बड़े आईलैंड को हटाना,अवैध प्लाटिंग के खिलाफ़ अभियान चलाना.कमिश्नर पाण्डेय के कार्यकाल की बड़ी उपलब्धियां है। ईमलीपारा रोड और बस स्टैंड चौक के विकास के लिए किया गया प्रयास का परिणाम आने वाले समय में लोगों को दिखना शुरू हो जाएगा।
 
नए क्षेत्रों को शामिल करना और अरपा रिवर फ्रंट 
 
               आने वाले समय बिलासपुर के विकास में दो महत्वपूर्ण योजनाएं मील का पत्थर साबित होंगी। इसमें एक नए क्षेत्रों को शामिल करना और दूसरा अरपा रिवर फ्रंट योजना को अमली जामा पहनाना है। प्रशासन के सहयोग से निगम कमिश्नर ने अरपा तट के दोनो तरफ काबिज अतिक्रमण करने को ना केवल शिफ्ट किया। बल्कि अरपा विकास को गति भी दिया है। हाँलाकि इस दौरान कुछ कानूनी अड़चनें आयी। लेकिन अभियान पर प्रभाकर पाण्डेय ने असर नहीं पड़ने दिया।
  
सायकल से भ्रमण कर दिलाया बिलासपुर को 11 वां स्थान 
 
                पाण्डेय शायद पहले आयुक्त होंगे जिन्होने शहर की साफ सफाई का जायजा मार्निंग वाक के बहाने सायकल से लिया। सुबह-सुबह साइकिल से नगर शहर भ्रमण स्वच्छता कार्यों की परम्परा को विकसित किया। पूरी टीम को योजाना के साथ सायकल से नगर भ्रमण का आदेश देते हुए अभियान पर नजर रखने को कहा। जिसका परिणाम ही है ..कि ..स्वच्छ सर्वेक्षण में पिछले साल  बिलासपुर नगर निगम ने देश में 11वाँ स्थान बनाया .इसके अलावा बिलासपुर को 3 स्टार रैंकिंग भी मिला। 
 
अवैध प्लाटिंग के खिलाफ़ अभियान 
 
               सबको मालूम है कि जमीन चोरो की सक्रियता ने शहर के स्वरूप को भद्दा बना दिया है। इस बात का अहसास निगम कमिश्नर को भी हुआ। फिर क्या था उन्होने राजस्व विभाग का जिम्मा संभालते हुए ऐसा बुलडोडर चलाया कि अवैध प्लाटिंग करने वाले जमीन चोर के होश उड़ गए। जिसको जहां बना..वहीं दुबक गए। शायद अवैध प्लाटिंग के खिलाफ किसी निगम प्रशासन की तरफ से छेड़ा गया पहला और सार्थक अभियान था। क्योकि आज से पहले तक अवैध प्लाटिंग करने वालों के खिलाफ़ कभी भी व्यापक स्तर पर ऐसा अभियान नहीं चलाया गया।
 
कोरोना सबसे बड़ी चुनौती थी
 
                     लाॅकडाउन के दौरान सबसे बड़ी चुनौती शहरवासियों को कोरोना महामारी सुरक्षित बचाना था। उससे बड़ी चुनौती थी नागरिकों को मूलभूत सुविधाओं का उपलब्ध कराना। प्रभाकर पाण्डेय की कुशल नीति से निगम प्रशासन ने दोनों ही चुनौतियों को कुशलता के साथ सामना किया।लाॅकडाउन के दौरान ज़रूरतमंद लोगों तक खाना पानी पहुंचा कर कमिश्नर प्रभाकर पाण्डेय ने मिसाल स्थापित किया है।
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