धरमलाल ने लगाया सरकार पर झूठ बोलने आरोप..कहा…5 हजार करोड़ का हुआ चावल घोटाला..कांग्रेस ने घोला मजदूरों, किसानों के जीवन में कलह

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर…प्रदेश की कांग्रेस सरकार और मुखिया झूठ बोल रहे हैं। राज्य सरकार ने गरीबों के चावल में अफरा तफरी कर पांच हजार करोड़ का घोटाला किया है। भाजपा ने हमेशा गांव गरीब के उत्थान को लेकर काम किया। रमन सिंह के कार्यकाल में स्कूलो में बच्चियों की संख्या बढ़ी है।  मजदूरों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव भी आया । आज स्थित बिलकुल उलट है। मुख्यमंत्री का आरोप बेबुनियाद और निराधार है। जनता से झूठ बोल रहे हैं। यह बातें प्रदेश के दिग्गज भाजपा नेता पत्रकार वार्ता के दौरान कही। उन्होने आरोप लगाया कि सरकार को बायोमेट्री से धान खरीदने से क्या एतराज हो सकता है। जब चावल का वितरण बायोमेट्री मशीन हो सकता है तो फिर 23 लाख किसानों से धान की खरीदी क्यों नहीं हो सकती है। जाहिर सी बात है कि प्रदेश सरकार इससे बचना चाहती है। क्योंकि ऐसा करने से धान घोटाले की पोल खुल जाएगी।

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भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता धरमलाल कौशिक ने एक दिन पहले बिलासपुर में मुख्यमंत्री के दिए गए बयान को झूठ कहा है। धरमलाल कौशिक ने कहा कि मुख्यमंत्री जनता को बेवकूप नहीं बना सकते हैं। उन्हें बताना होगा कि आखिर गरीबों के चावल की अफरा तफरी किसने किया। पांच हजार करोड़ रूपए का चावल कहां गया। धरमलाल ने कहा कि राज्य सरकार को पिछले साल का 61 मीट्रिक टन चावल सेन्ट्रल पूल में जमा करना था। तीस सितम्बर तक चावल जमा करना है। लेकिन आज तक सरकार ने सिर्फ 53 लाख टन ही चावल जमा कर पायी है। और उम्मीद भी नहीं है सरकार चावल जमा कर पाएगी। जबकि इस साल  86 लाख मीट्रिक टन चावल देने की बात हो रही है। लेकिन सरकार सिर्फ बाते करती है…जमा करना जानती नहीं है।

बायोमेट्रिक से धान खरीदी के सवाल पर धरमलाल कौशिक ने कहा कि जब देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश बायोमेट्रिक से धान खरीद सकता है। तो छत्तीसगढ़ सरकार क्यों नहीं खरीद सकती है। धरमलाल ने तर्क दिया कि प्रदेश के 73 लाख राशन कार्डधारियों को बायोमेट्रिक से ही चावल दिया जा रहा है। संख्या से आधा यानि 23 लाख किसानों से बायोमेट्रिक से धान क्यों नहीं खरीदा जा सकता है। दरअसल सरकार ऐसा करना ही नहीं चाहती है। क्योंकि उसे पता है कि 86 लाख मीट्रिक टन चावल जमा करना उसके बस की बात नहीं है। इस दौरान धरमलाल ने हाईकोर्ट का हवाला देकर राशन चावल घोटाला का जवाब देने से बच रही है। जबकि कोर्ट ने स्टे भी नहीं दिया है। फिर जवाब क्यों नही दिया जा रहा है।

आखिर चावल घोटाला का प्रमाण क्या है। सवाल पर धरमलाल ने कहा कि केन्द्र सरकार ने गरीब कल्याण योजना के तहत राज्य सरकार को गरीबों के लिए चावल वितरण का आदेश दिया। लेकिन राज्य सरकार ने आदेश जारी नहीं किया। जिसके कारण चावल का वितरण किया ही नहीं गया।  केन्द्रीय खाद्य मंत्री इस समय प्रदेश में है। उनके सामने सारा मामला आया है। जांच पडताल में केन्द्रीय खाद्य जांच टीम ने पाया कि रिकार्ड में गड़बड़ी है। केन्द्र के तरफ से भेजा गया चावल वितरित ही नहीं हुआ है।

मुख्यमंत्री का आरोप है कि भाजपा नेता और केन्द्र सरकार के मंत्री झूठ बोलते हैं। जब चुनाव सिर पर है तो उन्हें किसानों और मजदूरों की याद आने लगी है। किसी भाजपा नेता ने किसानों के लिए धान खरीदी समर्थन मूल्य 2500 रूपए के समर्थन में कुछ नहीं बोला। ना ही प्रधानमंत्री के सामने गए। बावजूद इसके हमने बार बार नीति आयोग के सामने किसानों के हितो को रखा। सवाल पर धरमलाल ने आरोप को बेबुनियाद बताया । उन्होंने कहा कि रमन सिंह के कार्यकाल में स्कूल ड्राप प्रतिशत एक प्रतिशत था।

आज शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह बरबाद हो चुकी है। सरस्वती सायकल योजना से स्कूलों में बच्चियों की संख्या बढ़ी। तेन्दूपत्ता का काम बड़ा और मजदूरों को न्याय मिला। गरीबों के लिए कन्या विवाह योजना शुरू किया गया। आज इस योजना की हालत पस्त है। हमने आदिवासियों और क्षेत्र के विकास को लेकर प्राधिकरण का गठन किया। क्षेत्र में रहने वालों का तेजी से विकास हुआ। हमने पम्प कनेक्शन की संख्या बढ़कर 75 से बढ़ाकर चार लाख 75 हजार किया। आज स्थिति यह है कि एक लाख 60 हजार अस्थायी कनेक्शन अभी तक नहीं दिया गया है। बिजली व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गयी है।धरमलाल ने दुहराया कि मुख्यमंत्री को पता होना चाहिए कि मजदूरों और किसानों के जीवन खुशहाली भाजपा के कार्यकाल में आयी है। पिछले पांच सालों में किसान और मजदूर तो सिर्फ परेशान हुए हैं।

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