मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने सत्ता में आने पर ग्राम पंचायत सचिवों एवं रोजगार सहायकों से बड़ा वादा किया है, इनका नियमित पदों पर समायोजन किया जाएगा। वर्तमान में इन पदों पर 23 हजार लोग काम कर रहे है।
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने एक्स पर कहा, “कांग्रेस ने सत्ता का विकेन्द्रीकरण कर लोकतंत्र में वास्तविक अधिकार ग्राम पंचायतों को सुनिश्चित कराए क्योंकि ग्रामों की खुशहाली से ही प्रदेश में खुशहाली आती है और इस लक्ष्य को सशक्त रूप से साकार करने के लिए मैं वचनबद्ध हूं।”
उन्होंने आगे कहा, कांग्रेस सरकार, मध्यप्रदेश पंचायत राज और ग्राम स्वराज अधिनियम को मूल भावना के अनुरूप अक्षरशः लागू करेगी।
ग्राम पंचायत सचिवों एवं रोजगार सहायकों की मांग पर न्याय करेंगे तथा ग्राम रोजगार सहायक को सहायक पंचायत सचिव का दर्जा देंगे। इनको नियमित वेतनमान से जोड़ेंगे एवं अनुकम्पा नियुक्ति का लाभ देंगे।
उन्होंने कहा, “जनता की सरकार – जनता ही सरकार के सिद्धांत पर चलकर ग्राम सभाओं एवं ग्राम पंचायतों को पुनः अधिकार सम्पन्न बनायेंगे।
सरपंचों के सम्मान को सुनिश्चित करेंगे एवं उनकी गरिमा को कम करने वाले नियमों को बदलेंगे। सरपंच निर्वाचित जनप्रतिनिधि होते हैं, अतएव उनके विरूद्ध की गई शिकायतों के निराकरण की नई व्यवस्था करेंगे। ग्राम पंचायतों में एक सचिव और एक सहायक सचिव की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।”
जिला पंचायत और जनपद पंचायतों को लेकर कमल नाथ का कहना है, जिला पंचायतों एवं जनपद पंचायतों में नगरीय निकायों की तरह एल्डरमैन नियुक्त करेंगे। 15वें वित्त आयोग की राशि नवीन जनसंख्या अनुसार ग्राम पंचायतों को मिले, इस हेतु प्रस्ताव करेंगे। वित्त आयोग की राशि में जिला एवं जनपद सदस्यों को विकास कार्य के लिए अलग से मिले, इस हेतु प्रस्ताव करेंगे। पंचायत स्तरीय पदों के लिए पृथक से स्थानांतरण नीति बनायेंगे। जिला एवं जनपद पंचायत को अधिकार देंगे।