पूनिया की टिप्पणी पर प्रदेश भर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन, नारेबाजी कर पुतला फूंका

Shri Mi
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जयपुर।राजस्थान (Rajasthan) में रीट पेपर लीक मामले के इतर भी कांग्रेस (Congress) और बीजेपी में (BJP) इन दिनों सियासी जंग तेज है. जहां रीट पेपर लीक मामले में बीजेपी लगातार गहलोत सरकार (gehlot government) से सीबीआई जांच की मांग कर रही है वहीं कांग्रेस सरकार ने लेवल-2 पेपर रद्द करने का ऐलान कर दिया है. इसी बीच कांग्रेस और बीजेपी के कार्यकर्ता (bjp workers) आजकल आपस में एक-दूसरे के खिलाफ सड़कों पर उतरे हुए हैं. दोनों पार्टी के कार्यकर्ता लगातार अपनी मागों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

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बुधवार से शुरू हो रहे विधानसभा के आगामी सत्र से पहले मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (govind singh dotasara) के आह्वान पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं (congress workers) ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया की कांग्रेस पर की गई टिप्पणी के खिलाफ सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया.

बता दें कि इससे पहले सतीश पूनिया के जूते वाले बयान पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पूनिया के कोटा से जयपुर लौटने के दौरान बूंदी हाईवे भी उनके काफिले को घेर कर काले झंडे दिखाए थे. इसके साथ ही रीट पेपर लीक मामले में बीजेपी के युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं ने सीकर और जयपुर में डोटासरा के घरों की दीवारों को पोत दिया था जिसके बाद से दोनों संगठन खुलकर आमने-सामने आ गए.

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने फूंका पूनिया का पुतला

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जयपुर सहित जिला मुख्यालयों पर सतीश पूनिया के बयान पर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सतीश पूनिया का पुतला फूंक कर नारेबाजी भी की. कार्यकर्ताओं का कहना था कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की तरफ से देश की आजादी मे अहम भूमिका निभाने वाली कांग्रेस पार्टी के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग करने को लेकर सम्पूर्ण प्रदेश व कांग्रेसजनों मे आक्रोश है.

वहीं पूनिया के बयान पर डोटासरा ने कहा था कि राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष सतीश पूनियां कांग्रेस पार्टी को जूते की नोक बराबर नहीं समझते हैं, मैं उनके इस स्तरहीन बयान की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं.

वहीं पूनिया के बयान का जिक्र आने पर सीएम गहलोत ने भी सोमवार को कहा कि हम इस तरह की घटना का समर्थन नहीं करते लेकिन किसी राजनीतिक दल के बारे में ऐसी टिप्पणी करने से लोगों को गुस्सा आना स्वाभाविक है.

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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