कोरबा।राज्य के कर्मचारियों का कहना है कि छत्तीसगढ़ सबसे कम महंगाई भत्ता देने वाला राज्य बन गया है। इस बढ़ती हुई मॅहगाई में अपने आर्थिक शोषण के खिलाफ आवाज बुलन्द करने के लिए 13 अप्रैल की हड़ताल में शिक्षक अवकाश का आवेदन देकर शामिल होंगे।कमर्चारी नेता 17 प्रतिशत बकाया डीए का गणित यह बात रहे है कि यदि किसी कर्मचारी का 28000 हजार वेतन मिलता है तो उसे 4760 हजार रूपये का नुकसान होता है यदि किसी को 33000 हजार वेतन मिलता है तो उसे 5610 हजार रूपये और कोई कर्मचारी अगर 49000 रुपये वेतन पाता है तो उसको 8330 हजार रुपये का डीए से हर महीना नुकसान हो रहा है ।
छत्तीसगढ टीचर्स एसोसिएशन के कोरबा जिलाध्यक्ष मनोज चौबे ने प्रेस नोट में बताया कि मंगाई भत्ता संघर्ष मोर्चा के बैनर में 11 से 13 अप्रैल तक तीन दिवसीय निश्चित कालीन हड़ताल की घोषणा की गई है। जिसका छत्तीसगढ टीचर्स एसोसिएशन ने समर्थन किया है हम आकस्मिक अवकाश लेकर हड़ताल में शामिल होंगे।
मनोज चौबे ने सभी शिक्षकों को हड़ताल में शामिल होने अपील करते हुए आगे कहा कि छत्तीसगढ टीचर्स एसोसिएशन द्वारा लिये गये निर्णय अनुसार महंगाई भत्ता व गृह भाडा भत्ता के मांग को लेकर 13 अप्रैल को आकस्मिक अवकाश लेकर शिक्षक हड़ताल में शामिल होंगे। 17 प्रतिशत लंबित महंगाई भत्ता व सातवें वेतनमान के आधार पर गृह भाडा भत्ता देने की मांग है।जनवरी 2020 से चार प्रतिशत,जुलाई 2020 से तीन प्रतिशत,जनवरी 2021 से लंबित चार प्रतिशत,जुलाई 2021से 3 प्रतिशत, जनवरी 2022 से लंबित 3 प्रतिशत इस प्रकार कुल 17 प्रतिशत महंगाई भत्ता लंबितहै। सरकारी सभी विभाग के सभी अधिकारी कर्मचारियों को दे होगा।
संगठन की ओर से प्रमोद सिंह राजपूत, कन्हैया लाल देवांगन, मनोज चौबे, नरेंद्र चंद्रा,प्रदीप जयसवाल, बुद्धेश्वर सोनवानी, भानु प्रसाद साहू,आनंद पांडे,मनोज लोहानी, रामनारायण रविंद्र, चंद्रेश दुबे, अनिल भटपहरे,अशोक भारद्वाज, राधे मोहन तिवारी, माया देवी छत्री, मधुलिका दुबे, यशोधरा पाल, निर्मला खूंटे , उर्मिला राठौर, अरुंधति मिश्रा. प्रियंका सिंह,उपेंद्र राठौर, राम शेखर पांडे, शिव साहू, कन्हैया लाल साहू,बसंत मिरि आदी ने हड़ताल में शामिल होने जिले की सभी विभाग के सभी अधिकारियों कर्मचारियों से अधिक से अधिक संख्या में हड़ताल में शामिल होने अपील की है।