यूपी, पंजाब समेत 5 राज्यों में चुनावी रैलियों, रोडशो पर पाबंदी बढ़ी

Shri Mi
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दिल्ली: चुनाव आयोग ने राजनीतिक रैलियों औऱ रोडशो पर प्रतिबंध एक हफ्ते और बढ़ा दिया है. यानी अब 22 जनवरी 2022 तक ये इन पर पाबंदी रहगी. हालांकि चुनाव आयोग ने इनडोर सभाओं के लिए राजनीतिक दलों को थोड़ी राहत दी है. अब इनडोर वाली जगहों पर अधिकतम 300 या कुल क्षमता के 50 फीसदी लोगों के साथ बैठकें आयोजित की जा सकेंगी. हालांकि चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को हिदायत दी है कि कोविड प्रोटोकॉल का इन सभाओं के दौरान कड़ाई से पालन करना होगा और आदर्श चुनाव आचार संहिता का भी उल्लंघन नहीं होना चाहिए. साथ ही यह भी कहा है कि 8 जनवरी 2022 को जो चुनाव संबंधी व्यापक 16 सूत्रीय गाइडलाइन जारी की गई है, वो भी पहले की तरह लागू रहेगी.

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पहले ही अनुमान था कि चुनाव आयोग पांच राज्यों में चुनावी रैलियों, रोड शो, साइकिल या बाइक रैली पर पाबंदी की अवधि 15 जनवरी से आगे बढ़ा सकता है. चुनाव आयोग ने 8 जनवरी को जब यूपी, पंजाब, गोवा, मणिपुर औऱ उत्तराखंड में चुनावों का ऐलान किया था तो कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए 15 जनवरी तक की रोक राजनीतिक रैलियों पर लगा दी थी. इसे अब 22 जनवरी तक बढ़ा दिया गया है. राजनीतिक पार्टियों के बड़े सार्वजनिक कार्यक्रमों पर पाबंदी लगा दी थी. चुनाव आयोग रैलियों, रोड शो आदि पर प्रतिबंध की समयसीमा को आगे और बढ़ा दिया है. हालांकि ये प्रतिबंध अभी एक हफ्ते बढ़ाया गया है.

चुनाव आयोग ने राजनीतिक रैलियों और रोड शो पर लगाए गए प्रतिबंध को जारी रखा जाना चाहिए या नहीं, इसको लेकर आज बैठक की.चुनावी राज्यों में कोरोना को लेकर स्थिति कमोवेश खराब ही हुई है. यूपी, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर के लिए मतदान की तारीखों का ऐलान 8 जनवरी को चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने किया था. हालांकि यह आशंका जताई जा रही थी कि अगर कोरोना की तीसरी लहर के दौरान इन चुनावी राज्यों में बड़ी रैलियों और सभाओं की इजाजत दी जाती है तो कोरोनावायरस का कहर औऱ बढ़ सकता है.

लिहाजा चुनाव आयुक्त ने 15 जनवरी तक इस पर प्रतिबंध लगा दिया था. सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग के अधिकारी, स्वास्थ्य सचिव और 5 चुनावी राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ बैठक कर पाबंदी की ये समयसीमा को आगे बढ़ाने का फैसला किया है. इसकी मांग स्वास्थ्य विशेषज्ञों की ओर से की जा रही थी.

By Shri Mi
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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