मस्तूरी जनपद पंचायत में लाखों रूपयों का गबन.. पूर्व ceo और सचिव की मिलीभगत उजाकर.. जिला पंचायत अधिकारी ने कहा..दर्ज कराएंगे fir

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—मस्तूरी जनपद पंचायत में सरकारी कोष से गबन किए जाने का मामला सामने आया है। तात्कालीन सीईओ और सचिव ने मिलकर शासन को साढ़े 6 लाख रूपयों को फटका दिया है। मामलाा 2020 का है। बताया जा रहा है कि मस्तूरी के तात्कालीन सीईओ ने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर गबन को अंजाम देने के लिए मनपसंद ठाकुरदेवा ग्राम पंचायत के सचिव को चकरेबेड़ा पंचायत स्थानान्तरण किया। शासकीय कोष से राशि निकाले जाने के बाद सीईओ ने सचिव को फिर ठाकुरदेवा पंचायत भेज दिया। आडिट में खुलासा होने के बाद जिला पंचायत उप संचालक ने सचिव को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण देने को कहा है। साथ ही अपराध दर्ज किए जाने की भी बात सामने आयी है।

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  क्या है पूरा मामला

             मस्तूरी जनपद पंचायत में गबन का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार तात्कालीन सीईओ एआर जोगी ने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर एक आदेश से ठाकुरदेवा ग्राम पंचायत सचिव का स्थानान्तरण चकरेबेड़ा पंचायत में किया। इसके बाद सचिव ने सख्त निर्देश और प्रतिबन्ध को दरकिनार करते हुए पीएफएमएस प्रक्रिया से 14 वें वित्त वर्ष से साढ़े 6 लाख रूपये निकाला। राशि निकाले जाने के बाद शौचालय निर्माण की जानकारी देकर सारे रूपए गबन कर दिया। जबकि शौचालय बनाया ही नहीं गया।

                       जिला पंचायत में आडिट के दौरान सारी जानकारी मिलने के बाद जिला पंचायत उप संचालक ने सचिव को पत्र जारी कर प्रमाण के साथ कार्यालय में पेश होने को कहा है।

 आदेश की अनदेखी

           जिला पंचायत उप संचालक पंचायत जेपी शुक्ला ने बताया कि चकरेबेड़ा ग्राम पंचायत के  तात्तालीन सचिव ने विधि विरूद्ध साढ़े 6 लाख रूपयों का आहरण किया है। जबकि उन्हें राशि आहरण का अधिकार भी नहीं है। 

                      शुक्ला ने बताया कि प्रशासन ने एक आदेश जारी कर सभी पंचायतों को निर्देश दिया है कि 1 जुलाई 2019 से 14 वें वित्त आयोग की राशि केवल पीएफएमएस सिस्टम से नहीं निकाला जा सकता है। राशि निकालने से पहले उच्च अधिकारियों से अनुमति लिया जाना जरूरी है। बावजूद इसके आदेश की अनदेखी कर चकरेबेड़ा सचिव ने मद से साढ़े 6 लाख रूपये निकाला है।

 तात्कालीन सीईओ और सचिव ने रची साजिश

                  चकरेबेड़ा ग्राम पंचायत की 14 वें वित्त वर्ष की राशि हड़पने के लिए मस्तूरी के  तात्कालीन सीईओ जोगी ने ठाकुरदेवा पंचायत के तात्कालीन सचिव नदेश करियारे का स्थानांतरण ग्राम पंचायत चकरेबेड़ा किया। यह जानते हुए भी कि शासन ने पंचायत विकास के लिए 14 वेंवित्त आयोग की राशि को पीएफएमएस सिस्टम से निकालने पर प्रतिबन्ध लगाया है। बावजूद इसके नदेश करियारे ने सचिव की हैसीयत से 31 दिसम्बर 2020 को बैंक ऑफ महाराष्ट्र मस्तूरी से साढ़े 6 लाख रूपयों का गैर वैधानिक तरीके से आहरण किया। 

               शुक्ला ने बताया कि जनपद पंचायत सीईओ मस्तूरी समेत किसी भी जनपद अधिकारी को सचिव के मुख्यालय परिवर्तन का अधिकार नहीं है। बावजूद इसके तात्कालीन सीईओ ने नदेश करियारे का प्रभार परिवर्तन किया। राशि निकालने के पहले जनपद पंचायत सीईओ जोगी ने किसी उच्च अधिकारी से अनुमति भी नही लिया।

बताया गया शौचालय व्यय में खर्च

            सचिव ने सीईओ की शह पर महाराष्ट्र बैंक से धीरे धीरे साढ़े 6 लाख रूपये निकाला। नदेश ने जिला पंचायत को बताया कि निकाली गयी राशि से शौचालय का निर्माण किया गया है। जबकि शौचालय निर्माण के प्रमाण में किसी प्रकार के दस्तावेज नहीं जमा किए गये हैं। साथ ही बताए गए स्थान या क्षेत्र में शौचालय का निर्माण भी नहीं किया गया है। 

जिला पंचायत ने थमाया सचिव को  नोटिस

          आडिट में जानकारी के बाद जिला पंचायत ने तात्कालीन चकरेबेडा सचिव नदेश को नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में कहा गया है कि एक सप्ताह के भीतर राशि ग्राम पंचायत के बैंक खाते में जमा किया जाय। पंचायत सचिव नदेश व्यक्तिगत रूप से उप संचालय पंचायत के सामने पेश होकर निकाली गकयी राशि खर्च होने का प्रमाण पेश करें। आदेश का पालन नही होने पर थाना मस्तूरी में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया जाएगा।

 क्या बोले उप संचालक

               जिला पंचायत उप संचालक जेपी शुक्ला ने बताया कि सचिव का स्थान परिवर्तन नियम के खिलाफ है। साथ ही राशि सिस्टम के अनुसार नहीं आहरण किया गया है। शौचालय का भी निर्माण नहीं किया गया है। ना ही किसी प्रकार का दस्तावेज ही जमा किया गया है। सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। यदि राशि जमा नहीं किया जाता है और प्रमाण पेश नहीं होने की सूरत  में कठोर कार्रवाई की जाएगी। एफआईआर भी दर्ज कराया जाएगा।

              

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