कोरबा। पुलिस के एक अधिकारी की मनमानी कार्यवाही के चलते शासन को दो लाख की क्षति हुई है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद पुलिस विभाग में खलबली मच गई।दरअसल मामला कोरबा जिले का है।
जहां एक पुलिस अधिकारी एसआई कृष्णा साहू ने चोरी का माल बताते हुए दो कबाड़ी व्यापारी मुकेश साहू और आशीष मैती के कबाड़ जप्ति की कार्यवाही तो की ही साथ ही दोनों को गिरफ़्तार कर मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर जेल भी भेज दिया। इस मामले में हाईकोर्ट ने दोनों पीड़ितो को एक- एक लाख रुपया जुर्माना देने का आदेश दिया है।
पुलिस की गैर कानूनी कार्यवाही से क्षुब्ध होकर पीड़ित पक्ष ने उच्च न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया। मानसिक प्रताड़ना और अनैतिक कार्यवाही के खिलाफ पीटिशन दायर कर पाँचलाख रूपये का मुआवजा की मांग करते हुए न्याय की गुहार लगाई।
पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता धर्मेश श्रीवास्तव ने अपने मुवक्किल का पक्ष रखते हुये न्यायाधीश से गुहार लगाते हुए कहा कि पुलिस गलत तरीके से 21 टन कबाड़ जब्त को जब्त कर चोरी का माल बताते हुये पीड़ित को जेल भेजा था।
प्रकरण को उच्च न्ययालय के न्यायधीश ने विस्तृत अध्यन और मनन करते हुए शासन और पीड़ित दोनों पक्षो को सुनकर केस में पीड़ित पक्ष के दोनों प्रार्थियो को 1- 1 लाख देने का आदेश पारित किया है और पुलिस और मजिस्ट्रेट दोनों को सीआरपीसी के सेक्शन 41 के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए अपनी कार्यवाही का निर्देश दिया है।
उच्च न्यायालय ने अपने रजिस्ट्रार जनरल को इस आदेश की प्रति राज्य के DGP और सभी ज़िलों के ज़िला न्यायाधीशों को प्रेषित करने का आदेश दिया है ताकि इस आदेश को नज़ीर के रूप में सभी पुलिस अधिकारियों और न्यायिक मजिस्ट्रेट उपयोग कर सकें।