Mokshada Ekadashi/मोक्षदा एकादशी एक वर्ष की 24 एकादशी है। नाम के अनुसार, जातक को मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने से मोक्ष मिलता है। मोक्षदा एकादशी मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर मनाई जाती है, जिस दिन एकादशी व्रत भी रखा जाता है। मान्यता है कि एकादशी का व्रत रखने वाले भगवान विष्णु की विशेष कृपा मिलती है।
यह पूर्वजों की आत्माओं को भी शांति देता है। पौराणिक कहानियों के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को मोक्षदा एकादशी के दिन गीता का उपदेश दिया था। यहां मोक्षदा एकादशी का दिन है और किन चीजों को घर लाना माना जाता है।Mokshada Ekadashi
पंचांग के अनुसार, इस साल 22 दिसंबर के दिन मोक्षदा एकादशी का व्रत रखा जाएगा. मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी तिथि 22 दिसंबर की सुबह 8 बदकर 16 मिनट से शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन अगले दिन 23 दिसंबर की सुबह 7 बजकर 11 मिनट पर हो जाएगी.Mokshada Ekadashi
इस चलते 22 दिसंबर के दिन मनाई जा रही है. एकादशी के अगले 23 दिसंबर दोपहर 1 बदकर 22 मिनट से 3 बजकर 25 मिनट के बीच एकादशी के व्रक का पार किया जा सकता है.
वैष्णव समाज के लोग मान्यतानुसार 23 दिसंबर के दिन मोक्षदा एकादशी का व्रत रखेंगे और 24 दिसंबर की सुबह 7 बजकर 10 मिनट से सुबह 9 बजकर 14 मिनट के बीच व्रत का पारण करेंगे. Mokshada Ekadashi
इस दिन कुछ चीजें खरीदना होता है शुभ
- मोक्षदा एकादशी के दिन कामधेनु गाय घर लाना माना जाता है शुभ. कहते हैं इस गाय की मूर्ति की पूजा करने पर घर में सुख-समृद्धि आती है.
- सफेद हाथी (White Elephant) की प्रतिमा भी घर लाई जा सकती है. कहते हैं सफेद हाथी भगवान विष्णु (Lord Vishnu) का प्रिय होता है.
- तुलसी का पौधा घर लाना भी शुभ माना जाता है. कहते हैं तुलसी मां लक्ष्मी का स्वरूप हैं. इसीलिए मोक्षदा एकादशी पर घर में तुलसी (Tulsi) लाई जा सकती है.
- इस दिन घर में मछली की प्रतिमा भी लाई जा सकती है.