छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव होने में महज कुछ ही महीने बचे हुए है। इसी बीच भाजपा के पूर्व सांसद और आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने रविवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। जिसके बाद अब वे अपने फेसबुक में स्टेटस भी बदला है। उन्होंने शायराना अंदाज में लिखा है कि उम्र नहीं है, बाधा मेरी, मेरे रक्त में अब भी ताप है।
मीडिया रिपोर्ट अनुसार आदिवासी नेता नंदकुमार साय आज यानी एक मई को कांग्रेस प्रवेश कर सकते हैं। आज इसी को लेकर राजीव भवन में 10:30 बजे बैठक होगी। इस बैठक में सीएम भूपेश बघेल और मोहन मरकाम भी शामिल होंगे।
छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ आदिवासी नेताऔर कई बार के सांसद विधायक रहे नंदकुमार साय के बीजेपी से इस्तीफे के बाद प्रदेश में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। भाजपा के प्रदेश मुख्यालय पहुंचे पार्टी के नेताओं ने इस मुद्दे पर चर्चा की है। भाजपा का कहना है कि नंदकुमार साय से बातचीत कर गलतफहमी दूर करने की कोशिश की जाएगी ।
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि नंदकुमार साय बीजेपी में घुटन महसूस कर रहे थे। कांग्रेस नेताओं ने यह भी कहा है कि नंदकुमार साय के लिए कांग्रेस के दरवाजे खुले हैं।
नंदकुमार साय छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक बड़ा नाम है। अविभाजित मध्यप्रदेश के दौर में ही वे विधायक चुन लिए गए थे। उस समय वे छत्तीसगढ़ भाजपा के वरिष्ठ नेता लखीराम अग्रवाल और दिलीप सिंह जूदेव के करीबी रहे। रायगढ़/ जशपुर इलाके में तपकरा विधानसभा सीट से कई बार विधायक चुने जाने के बाद नंदकुमार साहू रायगढ़ लोकसभा सीट से सांसद चुनकर आए।
इसके पहले ही उन्हें प्रदेश भाजपा की जिम्मेदारी भी मिली थी। नंद कुमार सहाय 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद विधानसभा में पहले नेता प्रतिपक्ष चुने गए थे। उन्हें राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का अध्यक्ष भी बनाया गया था। चुनाव के साल भारतीय जनता पार्टी से उन्होंने इस्तीफा देकर राजनीतिक हलके में हलचल मचा दी है।
इतवार की शाम जैसे ही उनके इस्तीफे की खबर आई भाजपा में खलबली मच गई। प्रदेश भाजपा के कई नेता राजधानी में पार्टी मुख्यालय पहुंचे। माना जा रहा है कि इस मुद्दे पर चर्चा हुई है। इस दौरान प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष अरुण साव ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि आज ही नंदकुमार साय का इस्तीफा मिला है। इस संबंध में उनसे बातचीत की जाएगी।
अगर किसी तरह की गलतफहमी है तो उसे दूर करने की कोशिश की जाएगी। अरुण साव ने यह भी बताया कि 2 दिन पहले ही नंदकुमार साय के साथ उनसे सामान्य बातचीत हुई थी ।
इस दौरान उन्होंने किसी तरह की कोई नाराजगी व्यक्त नहीं की थी। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने इस मामले में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता भी नंदकुमार साय से बातचीत करेंगे। एक सवाल के जवाब में डॉ रमन सिंह ने कहा कि पहले कभी नंद कुमार साय ने किसी तरह की कोई नाराजगी व्यक्त नहीं की थी।
नंदकुमार साय के इस्तीफे से कांग्रेस में भी की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि नंदकुमार साय बीजेपी में घुटन महसूस कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यदि नंदकुमार साय कांग्रेस में आते हैं तो उनका स्वागत है। जाहिर सी बात है कि चुनाव के साल नंदकुमार साय के इस्तीफे से बीजेपी को जो झटका लगा है उससे आने वाले दिनों में और भी प्रतिक्रियाएं सामने आ सकती हैं।