बिलासपुर— देखते ही देखते–आखों के सामने भारत होजरी का एक-एक सामान जलकर खाक हो गया। संचालक को इतना भी समय नहीं मिला कि मुठ्ठी भर सामान भी बचा लें। थोड़ा बहुत बचाया भी…लेकिन खाक हो गए सामानों के सामने उसकी कोई कीमत नहीं हैं। दुकान संचालक कैलाश खुशलानी ने बताया कि दुकान रोज 10 बजे बंद हो जाती है। 9 बजे से दुकान समेटने की प्रक्रिया शुरू होती है। घटना के दिन दुकान बंद होने से पहले लाइट चली गयी। हमने जनरेटर भी नहीं चलाया। शटर गिराकर ताला लगाने की तैयारी कर रहे थे। सभी लोग दुकान के बाहर खड़े। समय 9 बजकर 52 मिनट हो रहा था। इसी बीच लाइट आ गयी। भतीजा मोनू दौड़कर आया…बताया आग लग गयी है। इसके पहले हम लोग मौके पर पहुंचते कि आग डक्ट और लिफ्ट के सहारे नीचे से ऊपर या ऊपस से नीचे आ गयी। देखते ही देखते दुकान के सारे कपड़े धू-धू कर जलने लगे। आग क्यों और कैसे लगी…वजह कुछ भी हो सकती है…। लेकि शार्ट सर्किट से इंकार नहीं किया जा सकता है।
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मालूम हो कि कल देर शाम करीब 10 बजे के आसपास छत्तीसगढ के सबसे बड़े रेडीमेड कपड़े की दुकान भारत होजरी में आग लग गयी। प्रारम्भिक जानकारी के अनुसार आग की वजह शार्ट सर्किट से इंकार नहीं किया जा सकता है। आग इतनी तेज थी कि मिनटों में पूरे काम्पलेक्स को अपनी चपेट में लिया। तीन मंजिला इमारत में रखे सारे कपड़े धू-धू कर जलने लगे। घटना के सयम दुकान संचालक और उनके घर के सदस्य बाहर खड़े थे। किसी तरह कम्प्यूटर और जरूरी दस्तावेजों को बचाया गया। लेकिन ईमारत के अन्दर रखे कपड़ों को नहीं बचाया जा सका।
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सीजी वाल से कैलाश खुशलानी ने बताया कि सब कुछ जल गया। कुछ भी नहीं बचा। फर्नीचर,एसी,पंखा भीषण आग में गल गए। चारो तरफ धुआं ही धुआ है। 12 घंटे के बाद भी आग नहीं बुझी है। जिला और निगम प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई कर आग को काबू किया। अन्यथा आग को पैलने से रोकना मुश्किल था।कैलाश ने बताया कि हमने पूरे समय प्रयास किया आग का प्रभाव आस पास के दुकानों पर ना पडे। लोगों के सहयोग और जिला प्रशासन के प्रयास से आस पास के दुकानों को खाली कराया गया। सभी जगह से पानी की बौझार हुई। घंटो मशक्कत के बाद लपटें तो बंद हुई लेकिन अभी तक आग नहीं बुझी है।
कुछ नहीं बचा…आस पास के लोगों को हुई परेशानी
कैलाश के अनुसार दुकान में कुछ नहीं बचा। चारो तरफ राख ही राख है। हमने पूरा प्रयास किया नुकसान तो हो ही गया है। लेकिन आस पास के दूसरे अन्य व्यवसायियों को किसी प्रकार का नुकसान ना हो। मायूस कैलाश के अनुसार नुकसान बहुत हो गया। कितना हुआ…फिलहाल आकलन मुश्किल है। सामान ही करोड़ों के थे। फर्नीचर,एसी,पंखे तो बचे ही नहीं। दुकान की सीलिंग और काउन्टर राख में बदल चुके हैं।
अभी भी तैनात है दमकल की टीम
नगरसेना,निगम,पुलिस दमकल टीम अ्रभी भी लगातार पानी की बौछार कर रही है। दुकान में अन्दर से बाहर हर तरफ धुआं, दुर्गंध और राख ही राख है। टाप मंजिल की आग अभी भी नहीं बुझी है। जिला और निगम प्रशासन लगातार आग पर पानी फेंक रहा है। भारत होजरी के आस-पास अघोषित कर्फ्यू का वातावरण है। सामने की सड़क को आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है। लोगों में तनाव है…सबके मुंह यह क्यों और कैसे हो गया…। आग कब तक बुझेगी…। क्योंकि भारत होजरी को प्रदेश के व्यवसाय जगत में रीढ़ की हड्डी कहा जाता है। लेकिन आज हमेशा गुलजार रहने वाला प्रदेश का प्रसिद्ध व्यवसायी संस्थान सेहरा मेें तब्दील हो चुका है।