आइसोलेशन में रहकर ठीक हो रहे अधिक मरीज,डॉक्टरों की टीम ने एक दिन में फोन कॉल पर 6 हजार से अधिक मरीजों से बात की,सेंट्रल लाइब्रेरी में बना कंट्रोल रूम

Shri Mi
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बिलासपुर।कोरोना संक्रमित मरीजों की देखरेख के लिए बनाई गई होम आइसोलेशन टीम से लोगों को बड़ी मदद मिल रही है। मरीजों को नियमित रूप से डॉक्टरों का संपर्क – सलाह और तबीयत बिगड़ने पर एंबुलेंस के जरिए अस्पताल पहुंचने की व्यवस्था भी मिल रही है । बिलासपुर में 8000 से अधिक होम आइसोलेशन पेशेंट की देखरेख यह टीम कर रही है। कलेक्टर डॉ सारांश मित्तर की पहल पर टीम को बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिए नूतन चौक में बने सेंट्रल लाइब्रेरी में अब होम आइसोलेशन कन्ट्रोल रूम बना दिया गया है ।कोरोना का दौर शुरू होने के बाद पिछले साल से ही मरीजों की देखरेख और सलाह वगैरह के लिए होम आइसोलेशन टीम बनाई गई थी । जो साल भर से भी अधिक समय से लगातार काम कर रही है। इस टीम को बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिए अब नूतन चौक सरकंडा के सेंट्रल लाइब्रेरी में होम आइसोलेशन कन्ट्रोल रूम बनाया गया है। यहां करीब सवा सौ लोगों की टीम लगातार काम कर रही है।

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जिसमें डॉक्टर ,फार्मासिस्ट, शासकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय चिकित्सालय के छह मेडिकल ऑफिसर सहित बाल विकास परियोजना सुपरवाइजर ,संकुल समन्वयक और मलेरिया सुपरवाइजर भी शामिल हैं।होम आइसोलेशन के सहायक नोडल अधिकारी डॉ. समीर तिवारी खुद भी पिछले 1 साल से बिना रुके, बिना थके और बिना अवकाश लिए होम आइसोलेशन टीम में काम कर रहे हैं। उन्होंनेने बताया कि सेंट्रल लाइब्रेरी में कंट्रोल रूम बनाए जाने से व्यवस्था को और अधिक सुचारू रूप दिया गया है। उन्होंने बताया कि होम आइसोलेशन के लिए डॉक्टर और सुपरवाइजर की अलग अलग टीम बनाई गई है। जितने भी लोग होम आइसोलेशन पर हैं, उनसे डॉक्टर ऑडियो / वीडियो कॉल के जरिए सीधी बात करते हैं। उनकी तबीयत का हाल चाल लेते हैं। दवाइयों की स्थिति की भी जानकारी ली जाती है। इसके साथ ही सुपरवाइजर फॉलोअप लेते रहते हैं । फोन कॉलिंग के जरिए ही होम आइसोलेशन के मरीजों की पूरी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। मरीजों के ऑक्सीजन लेवल की भी जानकारी नियमित रूप से ली जाती है। जिन मरीजों के ऑक्सीजन लेवल में 90 से नीचे की गिरावट देखी जाती है ,उन्हें एंबुलेंस के माध्यम से अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था की जाती है। उन्होंने बताया कि दिन में 11 बजे से शाम 5 बजे तक नियमित रूप से कॉलिंग होती है । शनिवार के दिन 6235 लोगों से बातचीत हुई। जिनमें से 2 मरीजों का ऑक्सीजन लेवल कम होने के कारण उन्हें अस्पताल भेजा गया ।

डॉ. समीर तिवारी बताते हैं कि बहुत से मरीजों को काउंसलिंग के माध्यम से ही काफी सुधार महसूस हो रहा है और नियमित रूप से दवाइयां भी दी जा रही हैं। जिससे होम आइसोलेशन में रहकर भी बड़ी संख्या में मरीज ठीक भी हो रहे हैं। कलेक्टर डॉ सारांश मित्तर खुद भी होम आइसोलेशन के पूरे सिस्टम पर लगातार निगरानी करते हैं और उनका मार्गदर्शन भी कंट्रोल रूम को नियमित रूप से मिलता रहता है। माना जा रहा है कि कोरोना संक्रमण के इस दौर में होम आइसोलेशन के जरिए लोगों को अधिक लाभ मिल रहा है और इससे कई तरह की दिक्कतों से बचते हुए भी मरीज स्वस्थ हो रहे हैं ।।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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