पुरानी पेंशन बहाली के बाद शिक्षिका के जीवन जगी उम्मीद,अब आसानी से कट जाएगी रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी

Shri Mi
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रायपुर।मानव जीवन में सफलता के लिए कड़ी मेहनत के साथ अनेक संघर्षो का सामना करना पड़ता है।सफलता का स्वाद तभी आता है,जब उनका अंतिम परिणाम सोच के अनुरूप हो।ऐसी ही कहानी है ग्राम गुमा के हायर सेकंडरी स्कूल में पदस्थ शिक्षिका लाली सोनी की।उन्होंने बताया कि शिक्षा समाप्त होने के बाद वर्ष 2011 में शिक्षा विभाग में शिक्षिका के पद पर पदस्थ हुई।परिवार में बुजुर्ग सास-ससुर,दो बच्चों के देखभाल की जिम्मेदारी पति और मेरे लिए आसान नही है।पति अल्प वेतन पर निजी संस्थान में कार्य करने और अकेली शासकीय सेवा में रहते आर्थिक समस्याओं का सामना करना होता हैं।ऐसे में भविष्य के लिए पैसों की बचत बहुत कम हो पाती थी।

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उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा 9 मार्च को विधानसभा में पुरानी पेंशन योजना बहाली पर मुझे ऐसा लगा कि अब मुझे अपने संघर्षो का फल मिला। पूरे देश मे सन 2004 के बाद शासकीय सेवा में नियुक्त कर्मचारी- अधिकारी को पुरानी पेंशन योजना बंद कर नवीन अंशदायी पेंशन योजना लागू कर दिया गया था।नवीन अंशदायी पेंशन योजना शेयर बाजार आधारित है,इसमें सेवानिवृत्त के बाद बाजार की चाल के आधार पर एकमुश्त राशि दिए जाने का प्रावधान था।न्यू पेंशन स्कीम में फण्ड से 40 प्रतिशत राशि निवेश करना होता है।पुरानी पेंशन योजना एक सुरक्षित पेंशन योजना है।पुरानी पेंशन योजना के बहाल होने से सभी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद स्थायी और ठोस आधार मिल सकेगा।

शासकीय सेवा में नियुक्त अधिकारी-कर्मचारी की मांग पूरा होने के साथ-साथ सेवानिवृत्त के बाद का जीवन अब आसानी से कट सकेगा।यह फैसला परिवार के लिए खुशियां लेकर आया है।अब मुझे लगा कि भविष्य सुरक्षित हो गया।बुढ़ापे में मिलने वाली पेंशन राशि से आसानी से गुजर बसर हो जाएगा।सरकार के इस फैसले का मैं और मेरा परिवार हृदय से स्वागत कर आभार व्यक्त करते हैं।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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