आधुनिक खेती को अपनाकर आत्मनिर्भर बनी रमशीला,खेती की आधुनिक तकनीक ने बदली वनांचल क्षेत्र के किसानों की तकदीर

Shri Mi
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नारायणपुर-प्रदेश सरकार राज्य के किसानों को कम लागत पर अधिक उत्पादन अर्जित करने के लिए विभिन्न योजनाओं कार्यक्रमों का संचालन कर रही है। इसके लिए किसानों को उन्नत बीज, आधुनिक कृशि यंत्र, और समय-समय पर प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, जिससे समूचे प्रदेश सहित नारायणपुर जिले के ऐसे किसान जो पहले परम्परागत खेती कर बहुत ही कम लाभ प्राप्त करते थे। वे अब आधुनिक खेती व शासन की योजनाओं का लाभ लेकर अधिक आय प्राप्त कर आत्मनिर्भर हो रहे हैं। नारायणपुर जिले के ग्राम ब्रेहबेड़ा कि महिला आदिवासी कृषक श्रीमती रमशिला बाई जिन्होेने खेती को लाभ का धंधा बनाया है। रमशीला ने खेती करने में नई तकनीकी का उपयोग कर सब्जियंा आदि उगाकर अच्छा मुनाफा कमाया है।

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रमशीला ने बताया कि लगभग 5-6 वर्ष पहले उन्होने खेती करनी शुरू की और लगभग 5 एकड जमीन पर सब्जियां पत्तागोभी, फूलगोभी, प्याज, आलू, भिण्डी, करेला आदि की फसल लगायी। उत्पादित फसल को वह स्थानीय हाट बाजारों ग्रामों, स्कूलों और कैम्पों में विक्रय कर अच्छी आमदनी प्राप्त कर रही। उनके द्वारा शेडनेट हाउस में बाडी विकास योजनान्तर्गत वर्ष 2020-21 में फूलगोभी, पत्तागोभी आलू, प्याज भिण्डी, टमाटर का फसल ली थी। जिसमें 70 क्विंटल उत्पादन कर कोविड 19 कोरोना काल में सब्जी विक्रय कर 3 से 3.50 लाख रू की आमदनी प्राप्त हुई।श्रीमती रमशीला ने बताया कि उसने अपने खेत में हाईब्रिड बीज और नई-नई तकनीकों के उपयोग और बेहतर ढंग से खेती कर रही है। और वर्तमान में वह दो से तीन गुना लाभ कमा रही है। श्रीमती रमशीला ने बताया कि वर्ष 2017-18 में राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत शेडनेट हाऊस का निर्माण किया गया है। उसने निजी कंपनी से बीज उत्पादन का भी प्रशिक्षण प्राप्त किया है। वर्तमान में श्रीमती रमशीला ने अपने शेडनेट हाउस में बरबटी ,करेला, कददू की फसल लगायी है। 

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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