1800 करोड़ से अधिक की लागत से अमृत भारत स्टेशन स्कीम के तहत 49 स्टेशनों के कायाकल्प की तैयारी

Shri Mi
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रेल मंत्रालय के महत्वाकांक्षी परियोजना के अंतर्गत यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधा प्रदान करने हेतु “अमृत भारत स्टेशन” योजना के अंतर्गत स्टेशनों के कायाकल्प की तैयारी चल रही है । अगस्त 2023 में माननीय प्रधान मंत्री जी के द्वारा देश के 1200 स्टेशनों पुनर्विकास के कार्य का शिलान्यास किया गया, जिसमे दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के 9 स्टेशन शामिल थे, इसमे रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, अकलतरा, तिलदा नेवरा, भिलाई पावर हाउस, गोंदिया, वडसा, चांदाफोर्ट स्टेशन शामिल थे ।

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रेलवे स्टेशनों को विकसित करने का लक्ष्य रेल यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं और बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करना है । इसके अंतर्गत स्टेशन पर उन्नत व आधुनिक सुविधाओं से युक्त वेटिंग हॉल का प्रावधान किया जाएगा ।

यात्रियों को दी जाने वाली जरूरी सुविधाओं में खान-पान, पीने का पानी, एटीएम, इंटरनेट, वॉशरूम, कवर शेड, स्टैंडर्ड साइनेज आदि शामिल होंगे । इन स्टेशनों को विश्वस्तरीय रूप देते हुए ग्रीन स्टेशन का रूप दिया जाएगा, जहां प्राकृतिक रौशनी और वेंटिलेशन का प्रावधान होगा ।

स्टेशन पर वरिष्ठ नागरिक एवं दिव्याङ्ग जन के अनुकूल सुविधाएं होंगी । स्थानीय कला और संस्कृति को ध्यान में रखते हुए स्टेशन के डिजाइन तथा स्वरूप का उन्नयन किया जाएगा । स्टेशन परिसरों को मनमोहक स्वरूप दिया जाएगा । रेलवे स्टेशन सिटी के दोनों तरफ जुड़कर सिटी सेंटर की तरह विकसित किए जायेंगे । इस रेलवे के 49 रेलवे स्टेशनों का उन्नयन 1868 करोड़ रुपए की लागत से किए जाएँगे ।

पुनर्विकास के बाद बिलासपुर , रायपुर और दुर्ग स्टेशन हाईटेक यात्री सुविधाओं के साथ टेक्नोलॉजी, स्थानीय संस्कृति और समृद्ध विरासत का आकर्षक केंद्र बनेंगे . यात्रियों की संख्या बढ़ने के साथ-साथ रोजगार बढ़ने की व्यापक संभावना विकसित होगी जिसका लाभ स्थानीय लोगों को मिलेगा

बिलासपुर , रायपुर तथा दुर्ग स्टेशन में प्रस्तावित पुनर्विकास कार्यों के अंतर्गत स्टेशन बिल्डिंग के दोनों तरफ से शहर में समस्त सुविधाओं के साथ व्यापक एंट्री का प्रावधान, प्रस्तावित स्टेशन बिल्डिंग में हेरिटेज महत्व के साथ साथ स्थानीय कला और संस्कृति का समावेश, लिफ्ट एवं एस्कलेटर का प्रावधान, वृहद कार पार्किंग की सुविधा, पूर्ण ग्रीन बिल्डिंग, विशाल कान्कोर्स, विशाल छत आवरण, 3 नए बड़े फूट ओवर ब्रिज, कान्कोर्स – रीटेल एरिया, कान्कोर्स – कमर्शियल एरिया एवं स्टेशन की छतों पर सोलर पैनल, रेनहार्वेस्टिंग का प्रावधान किया जाएगा ।

यात्री सुविधा, सुरक्षा तथा संरक्षा के साथ ट्रेन परिचालन दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की पहली प्राथमिकता है । अमृत भारत स्टेशन स्कीम के अंतर्गत स्टेशनों का पुनर्विकास इसी प्राथमिकता की महत्वपूर्ण कड़ी है । यात्रियों की मांग तथा आकांक्षा के दृष्टिगत भारतीय रेल निरंतर ही बेहतर यात्री सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रयत्नशील रही है । विकास के इस कार्य के साथ साथ रेल के अवसंरचना विकास का कार्य भी तीव्र गति से प्रगति पर है ।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में यात्री सुविधा तथा रेल विकास अवसंरचना का कार्य तेजी से चल रहा है । रेलवे अब रेल संपर्क विहीन क्षेत्रों के बीच रेल कनेक्टिविटी तथा बढ़ते हुए ट्रैफिक मांग व आधुनिक एवं उन्नत यात्री सुविधाओं के लिए रेल परियोजना पर काम कर रहा है । बढ़ती रेल कनेक्टिविटी स्थानीय लोगों के आर्थिक सामाजिक विकास में काफी लाभ देने वाली है ।

वर्तमान में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में 2100 करोड़ की लागत से 206 किलोमीटर की बिलासपुर-झारसुगुड़ा चौथी लाइन, 3500 करोड़ की लागत से 228 किलोमीटर की राजनांदगांव-नागपुर तीसरी लाइन, 1680 करोड़ की लागत से 165 किलोमीटर की अनुपपुर-कटनी तीसरी लाइन, 303 करोड़ की लागत से बिलासपुर-उसलापुर फ्लाई ओवर, 271 करोड़ की लागत से मंदिर हसौद – नवा रायपुर – केन्द्री नई लाइन, 543 करोड़ की लागत से 67 किलोमीटर की केन्द्री – धमतरी तथा अभनपुर – राजिम गेज परिवर्तन का कार्य किया जा रहा है ।

इसके अतिरिक्त पब्लिक सेक्टर यूनिट तथा अन्य अभिकर्ताओं के साथ 4741 करोड़ की लागत से 231 किलोमीटर की खरसिया – कोरबा नई लाइन, 4970 करोड़ की लागत से 156 किलोमीटर की गेवरा रोड – पेंड्रा रोड नई लाइन, 1627 करोड़ की लागत से 95 किलोमीटर लंबी दल्लीराझरा – रावघाट नई लाइन आदि महत्वाकांक्षी परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है ।

बिलासपुर-झारसुगुड़ा चौथी लाइन का 75 किलोमीटर से अधिक का कार्य पूर्ण हो चुका है । इसी तरह राजनांदगांव – नागपुर तीसरी लाइन का कार्य में 140 किलोमीटर की रेल लाइन कमीशन की जा चुकी है । जबकि कटनी से अनुपपुर के बीच 44 किलोमीटर की तीसरी लाइन का निर्माण किया जा चुका है ।

इसके साथ ही आधुनिक एवं उन्नत ऑटोमैटिक सिग्नल प्रणाली को अपनाते हुए 373 किलोमीटर के सेक्शन में इस कार्य को पूरा किया जा चुका है, जिसमें कुम्हारी से नागपुर तक तथा बिलासपुर से बिल्हा, जयरामनगर, घुटकू तक तथा चांपा से कोरबा तक का सेक्शन शामिल है ।

इन परियोजनाओं से सुदूर इलाका भी अब रेलवे के मानचित्र पर दिखेगा । ये परियोजनाएं आने वाले समय में सामाजिक और आर्थिक बदलाव में बड़ी भूमिका निभाएगी । इससे क्षेत्र की बड़ी आबादी को रेल सुविधाएं मिल सकेगी ।

इससे क्षेत्र में औद्योगिक और व्यावसायिक विकास के नए अवसर बढ़ेंगे । इस परियोजना से आवाजाही में सुधार के साथ क्षेत्र का सामाजिक-आर्थिक विकास होगा। यह लाइन कृषि और स्थानीय उत्पादों को तेजी से लाने-ले जाने की सुविधा प्रदान करेगी और अन्य हिस्सों में भी लोगों की बेहतर आवाजाही प्रदान करेगी । ऐसे में सड़क यात्रा पर कम निर्भर रहना पड़ेगा एवं इससे समय और खर्च की भी बचत होगी ।

ग्रामीण क्षेत्रों से कृषि उपज, वनोत्पाद, कुटीर उद्योग एवं हस्तशिल्प की वस्तुओं के साथ औद्योगिक उत्पादों, धातु उद्योग, उर्वरकों आदि के लिए बाजार तक त्वरित पहुंचना सुनिश्चित हो पाएगा । इस क्षेत्र के प्रसिद्ध डोकरा आर्ट, कोसा सिल्क, बस्तर आर्ट आदि को बाजार से जुड़कर एक नई पहचान मिलेगी ।

यात्री सुविधाओं एवं बढ़ते यातायात मांग के लिए इन विकास कार्यों का होना अत्यंत आवश्यक है जिसमें बहुत ही कम समय के लिए न्यूनतम ट्रेनों का परिचालन प्रभावित होता है । विगत तीन वर्षों में इन विकास कार्यों के दौरान एक प्रतिशत से भी कम ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ है, जबकि इन वर्षों में यात्री सुविधाओं में काफी विकास कार्य किए गए ।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे यात्री सुविधा एवं विकास के लिए प्रतिबद्ध है तथा भविष्य में भी उन्नत और आधुनिक यात्री सुविधा के कार्य जारी रहेंगे, जिसका एक महत्वपूर्ण प्रतीक स्टेशनों के पुनर्विकास के कार्य हैं ।

By Shri Mi
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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