खतरे में प्रदेश का पहला कैंसर अस्पताल..अमर ने कहा..इसके पहले केन्द्र राशि वापस ले..खैरागढ़ की तरह 24 घंटे में राज्य सरकार जारी करें 45 करोड़

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—- प्रदेश के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल ने राज्य सरकार पर कोनी स्थित राज्यस्तरीय कैंसर चिकित्सालय निर्माण में देरी को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। अमर अग्रवाल ने कहा कि कोनी में प्रथम राज्य स्तरीय कैंसर चिकित्सा हॉस्पिटल राज्यांश जारी नहीं हुआ है। इसके चलते निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है। वोट के फेर में 24 घण्टे में नया जिला बनाने वाली सरकार सबसे पहले कैसर अस्पताल के लिए 45 करोड़ राज्य का हिस्सा पटाये।

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                पूर्व स्वास्थ्य एवं वाणिज्य कर मंत्री अमर अग्रवाल ने प्रेस नोटा जारी रकर छत्तीसगढ़ की सरकार को दोहरा चरित्र वाली बताया है। उन्होने कहा कि कर्ज के बोझ से दबी छत्तीसगढ़ सरकार लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही हैं। रोज करोड़ों रुपए के विकास के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन बिलासपुर में राज्य के प्रथम कैंसर चिकित्सा अनुसंधान केंद्र की स्थापना के लिए राज्याश की राशि नहीं पटाया जा रहा है। कैंसर जैसे असाध्य रोगों की उन्नत चिकित्सा सुविधा से राज्य की जनता को जानबूझकर वंचित किया जा रहा है।

              अमर ने बताया कि बिलासपुर के कोनी में भाजपा के कार्यकाल में केंद्र सरकार के  स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के द्वारा राज्य स्तरीय कैंसर चिकित्सा अनुसंधान केंद्र की सौगात दी गयी।  कोनी में केंद्र सरकार ने राज्य में 300 बिस्तरों वाले दूसरे मल्टीस्पेशलिटी सुपर अस्पताल की सुविधा के लिए बिलासपुर में 10 एकड़ राज्य कैंसर संस्थान के लिए चयन किया।

                115 करोड़ की लागत से स्टेट लेवल कैंसर चिकित्सा संस्थान के लिए तय अनुबंध के अनुसार 60: 40 के अनुपात में राज्य के नागरिकों की सुविधा के लिए केंद्र सरकार ने 51 करोड़ की राशि चिकित्सा संस्थान की स्थापना के लिए फौरी तौर पर जारी किया। लेकिन तीन साल बाद तय अनुबंध के बाद भी राज्य सरकार ने 40 प्रतिशत राज्याश नहीं दिए हैं। कैंसर जैसे असाध्य रोगों की चिकित्सा सुविधा फाइलो में दम तोड़ रही है।

                                    भाजपा नेता ने कहा कि कोरोना काल में सरकार ने शराब पर 10 प्रतिशत सेस लगाया।  शिक्षा और स्वास्थ्य के नाम पर लगाए गए उपकर से करोड़ों रुपए एकत्र हुए। लेकिन जब स्वास्थ्य अधोसंरचना के विस्तार के लिए राज्य की तरफ से निधि लगाने की बात आयी तो सरकार गूंगी और बहरी हो जाती है।

               कोनी में कैंसर चिकित्सा अनुसंधान केंद्र की स्थापना में हो रहे विलंब के लिए पूरी तरह से राज्य की सरकार जिम्मेदार है। केंद्र सरकार की तरफ से जारी राशि का सदुपयोग ना होने पर बार-बार अल्टीमेटम के बावजूद राज्य सरकार के कानों में जूं नहीं रेंग रही है। तय समय से काफी विलम्ब के बाद भी बिलासपुर में प्रस्तावित राज्य कैंसर संस्थान योजना आरम्भ नही हो सकी है।

                     अमर ने  कहा मीडिया में आ रही रिपोर्ट के अनुसार  निर्धारित अंतिम समय अवधि में राज्याश बजट जारी नहीं होने की सूरत में केंद्र ने जारी राशि अन्य राज्य को स्थानांतरित करने का फैसला करने मन बना लिया है। ऐसे में चुनावी वोट की फेर में 24 घंटे में खैरागढ़ जिले की स्थापना की घोषणा करने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थमंत्री टी एस सिंहदेव को चाहिए कि राज्य के प्रथम कैंसर चिकित्सा संस्थान के लिए राज्य अंश की राशि 45 करोड़ 24 घण्टे में जारी करे। जिससे कैंसर जैसे असाध्य रोगों की चिकित्सा के लिए केंद्र से मिली सौगात राज्य के लोगों को वास्तविक रूप में प्राप्त हो सके।

 

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