बिलासपुर । छत्तीसगढ़ और अविभाजित मध्यप्रदेश के वरिष्ठ ट्रेड यूनियन नेता और छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के संरक्षक पी. आर. यादव ने डीए और एचआरए की मांग को लेकर चल रही कर्मचारी/अधिकारियों की हड़ताल के सिलसिले में अपील ज़ारी की है।उन्होने ज़ोर देकर कहा है कि कर्मचारी साथियों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अपने संबोधन में अमर्यादित एवं असंवैधानिक भाषा का उपयोग कदापि ना करें हमें जोश में होश नहीं खोना है।
पी. आर. यादव ने अपनी अपील में कहा है कि छत्तीसगढ़ कर्मचारी -अधिकारी फेडरेशन के आव्हान पर पांच दिवसीय सामूहिक अवकाश आंदोलन पहले दिन पूरे प्रदेश में शत -प्रतिशत सफल रहा ।राजधानी ,जिला मुख्यालयों से लेकर सभी तहसील- विकास खंडों में भी हड़ताल का व्यापक असर रहा और शासकीय काम-काज ठप्प रहा। कार्यालय और स्कूल के ताले नहीं खुले ।हड़ताल के दूसरे दिन बाद भी कर्मचारियों का इसी तरह समर्थन मिलता रहे इसके लिए सभी पदाधिकारी सक्रिय रहें और इसी तरह का टेंपो 5 दिनों तक बनाए रखें।
प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं को आंदोलन का लंबा अनुभव है। इसलिए आंदोलन की सफलता में हमारे संगठन की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। फेडरेशन से संबद्ध संगठनों के पदाधिकारियों से समन्वय बनाकर आंदोलन को सफल बनाना एकमात्र उद्देश्य होना चाहिए।
इस बात का विशेष ध्यान रखिए की कतिपय अधिकारी महत्वपूर्ण खंडो में काम करने कर्मचारियों को कार्यालय बुलाने का प्रयास करेंगे और हमारे छुटपुट कर्मचारी साथी कार्यालयों के आसपास मंडराने लगेंगे ।इसलिए समन्वय बनाकर कार्यालयों को चेक करते हुए आंदोलन को सफल बनावें।
साथियों कुछ लोगों द्वारा इस आंदोलन को राजनीतिक एवं धार्मिक रंग देने का भी प्रयास करने लगे हैं। पेंशनर संघ के नाम पर जो फेडरेशन बना है वह हनुमान चालीसा का पाठ करने और कहीं-कहीं आंदोलनकारी साथी सद्बुद्धि यज्ञ करने जैसी अवांछित बातें करने लगे हैं। हमारा संगठन ट्रेड यूनियन के साइंटिफिक लाइन पर आंदोलन करता है ।जहां इस तरह के नाटकों के लिए कोई स्थान नहीं है ,ऐसा कहीं भी निर्णय लेने का प्रयास किया जाता है तो आप खुला विरोध करें ।हां हरेली छत्तीसगढ़ की संस्कृति एवं परंपरा का त्यौहार है। हमारा प्रदेश कृषक प्रधान प्रदेश है और हरेली किसानों का प्रमुख त्यौहार है ।इस दिन कृषि औजारों -यंत्रों का पूजा- पाठ किया जाता है और उत्सव मनाते हुए गेंड़ी चढ़कर नृत्य करना शामिल है ।आप इस तरह के आयोजन में भी बढ़ -चढ़कर भाग लेवें। हमें जनता की भावनाओं से आंदोलन को जोड़ना है और तीज- त्यौहार जनता से जुड़ने का सशक्त माध्यम है।
अपने उद्बोधन में आप लोग विशेष रुप से ध्यान रखिए कि अमर्यादित एवं असंवैधानिक भाषा का उपयोग कदापि ना करें हमें जोश में होश नहीं खोना है ।आज का समय डिजिटल युग का है, माइक में एवं चर्चा में हमारी बातों को बहुत से साथी रिकॉर्ड करते हैं। इसलिए हम ऐसे शब्दों को प्रयोग ना करें जिससे हमें शर्मिंदा होना पड़े । हम सब जनता की सेवा के लिए शासकीय सेवक हैं, इसलिए उन्हेंआश्वस्त करिए की हड़ताल समाप्ति के बाद कार्यालयों में हम अतिरिक्त समय बैठकर आम आदमी के पेंडिंग कार्यों का निराकरण करेंगे तथा स्कूलों में बच्चों को अतिरिक्त समय देकर पढ़ाई के नुकसान की भरपाई करेंगे। इससे प्रदेश की जनता में अच्छा संदेश जाएगा।
मुझे विश्वास है कि आप पूर्व की भांति पांच दिवसीय सामूहिक अवकाश आंदोलन को सफल कर अपनी मांगों को मानने के लिए शासन को बाध्य करेंगे।