Surya Grahan 2024: कहां-कहां दिखेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण

Shri Mi
Sura Grahan 2024

Surya Grahan 2024: साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को लगने जा रहा है और उसके 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाएगा. सूर्य ग्रहण के दौरान लोगों के लिए कई बातों का ध्यान रखना जरूरी है. खासकर गर्भवती महिलाों को कुछ काम भूल से भी नहीं करने चाहिए. इसके साथ ही ग्रहण के दौरान लगने वाले सूतक काल का भी खास ध्यान रखना होता है.

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Surya Grahan 2024/साल का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल की रात 9 बजकर 12 मिनट से शुरू होगा और 9 अप्रैल को मध्य रात्रि में 2 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे या 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है/

जिसमें सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण समय से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है. सूतक काल को एक प्रकार से अशुभ समय माना गया है. इसलिए सूतक काल में कोई भी मांगलिक या शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं.

कहां-कहां दिखेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण/Surya Grahan 2024

साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण कनाडा, मेक्सिको, यूनाइटेड स्टेट्स, अरूबा, बर्मुडा, करेबियन नीदरलैंड, कोलंबिया, कोस्टा रिका, क्यूबा, डोमिनिका, ग्रीनलैंड, आयरलैंड, आइसलैंड, जमाइका, नॉर्वे, पनामा, निकारगुआ, रूस, पोर्तो रिको, सैंट मार्टिन, स्पेन, द बहामास, यूनाइटेड किंग्डम और वेनेजुएला समेत दुनिया के कुछ हिस्सों से दिखाई देगा।

ग्रहण के दौरान न करें ये काम/Surya Grahan 2024

  • सूर्य ग्रहण के दौरान लोग घर से बाहर नहीं निकलें और न ही सूर्य ग्रहण को कभी भी डायरेक्ट आंखों से देखें.
  • ग्रहण के समय रसोई से संबंधित कोई भी कार्य न करें. खासकर कि खाना नहीं बनाना चाहिए.
  • ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं घर से बाहर बिल्कुल भी न निकलें और ग्रहण के समय सुई में धागा भी न डालें.
  • सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ भी काटना, छीलना, कुछ छौंकना या बघारने का काम नहीं करें.
  • ग्रहण के समय किसी का दिल न दुखाएं और न ही किसी गरीब को सताएं और न ही उनका अपमान करें.
  • ग्रहण के दौरान घर में किसी से विवाद न करें, क्योंकि ग्रहण के समय वाद-विवाद करने से पितरों का आशीर्वाद नहीं मिलता है.
  • ग्रहण के समय मंदिर में रखी मूर्तियों को स्पर्श न करें और न ही पूजा करें.
  • ग्रहण के समय सूर्यदेव का ध्यान करते हुए उनके मंत्रों का तेज आवाज में उच्चारण करें. सूर्यदेव का मंत्र इस प्रकार हैं- ‘ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:’।

सूतक काल

हिन्दू धर्म में ग्रहण के सूतक काल को अशुभ काल या दूषित काल माना जाता है. सूतक काल के दौरान भगवान की पूजा नहीं की जाती हैं और न ही कोई मांगलिक कार्य किए जाते हैं. साथ ही मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं. इतना नहीं सूतक काल के दौरान खाना पीना भी वर्जित माना गया है. सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है और ग्रहण के खत्म होने के साथ सूतक काल भी समाप्त हो जाता है.Surya Grahan 2024

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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