दिल्ली।आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को पंजाब की आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और आगामी विधानसभा चुनाव में राज्य में उनकी पार्टी के सत्ता में आने पर आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं की समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ‘अरविंद केजरीवाल की आंगनवाड़ी और आशा (मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता) कार्यकर्ताओं के साथ संवाद’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की कठिनाइयों जैसे कम वेतनमान, कोई छुट्टी नहीं और कोविड-19 महामारी के दौरान मारे गए आशा कार्यकर्ताओं के परिवारों को कोई मुआवजा नहीं, जैसे मामले उनकी दुर्दशा के कारण बने।’’
केजरीवाल ने कहा कि आप एकमात्र ऐसी पार्टी है जो लोगों के पास जाकर उनके मुद्दों को जानने का प्रयास करती है, ताकि सत्ता में आने के बाद उन मुद्दों का समाधान किया जा सके। उन्होंने वादा किया कि दिल्ली की तरह पंजाब की व्यवस्था से भ्रष्टाचार को खत्म किया जाएगा और आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की सभी मांगों को पूरा किया जाएगा।
दिल्ली सीएम आगे बोले, ‘‘आप द्वारा घोषित तीसरी गारंटी यह है कि पार्टी अकेले पंजाब में महिलाओं को वित्तीय मदद प्रदान करेगी। आप की इस गारंटी की अन्य राजनीतिक दलों ने भारी आलोचना की।’’ केजरीवाल की आप पंजाब में मुख्य विपक्षी पार्टी है और यहां अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने दिल्ली में केवल एक काम किया – भ्रष्टाचार उन्मूलन। तब हम मुफ्त पानी, बिजली, बेहतरीन स्कूल, अस्पताल और महिलाओं के लिए मुफ्त परिवहन प्रदान करने में सक्षम हुए।’’ केजरीवाल ने आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं से पंजाब में आप सरकार बनाने के लिए एकजुट होने का आग्रह किया और कहा कि आप उनके सभी मुद्दों को हल करेगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली में आप ने वेतन और प्रोत्साहन राशि को दोगुना कर दिया है और वादा किया कि इसी तरह के लाभ पंजाब के श्रमिकों को दिए जाएंगे।
वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए आप नेता और सांसद भगवंत मान ने कहा, ‘‘हम अन्य पार्टियों की तरह ड्राइंग रूम में बैठकर घोषणापत्र नहीं बनाते हैं। हम लोगों के मुद्दों और जरूरतों को जानने के लिए उनके पास जाते हैं।’’ वकीलों के साथ एक अलग बैठक में केजरीवाल ने दावा किया कि केवल आप ही देश और पंजाब को बेहतर भविष्य दे सकती है। उन्होंने कहा कि आप आम लोगों, वकीलों, शिक्षकों और अन्य लोगों की समस्याओं का समाधान कर सकती है।
केजरीवाल ने कहा, ‘‘पंजाब के करीब 80,000 वकील आप में शामिल होकर अपनी सरकार बना सकते हैं, ताकि वकील समुदाय के साथ-साथ पंजाब और लोगों की सभी समस्याओं का समाधान हो सके। मैं वकीलों के साथ रिश्ता बनाने आया हूं।’’ अमृतसर, जालंधर, तरनतारन, गुरदासपुर, फिरोजपुर और पंजाब के अन्य हिस्सों से आए वकीलों को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा, ‘‘दिल्ली में वकील आप के बहुत समर्थक हैं। इसलिए जब आप ने दूसरी बार चुनाव लड़ा तो उसने 70 सीटों में से 67 सीटें जीतीं। भाजपा की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार किरण बेदी को आप के वकील उम्मीदवार ने हराया था।’’
उन्होंने कहा कि दिल्ली में सरकार बनने के बाद वकीलों की समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया गया। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वकीलों और उनके परिवारों को चिकित्सा और जीवन जोखिम बीमा कवर प्रदान किया गया है और वकीलों के लिए अदालतों में कक्ष स्थापित किए गए हैं।’’ केजरीवाल ने वादा किया कि आप की सरकार बनने के बाद वकीलों की मांगों को तुरंत पूरा किया जाएगा।
इस बीच, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बड़ी संख्या में अतिथि शिक्षकों ने अपनी सेवाओं को नियमित करने की मांग को लेकर शनिवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास के बाहर प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन ऑल इंडिया गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन की ओर से किया गया। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल कुमार भी अतिथि शिक्षकों की मांगों को पार्टी का समर्थन देने के लिए विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।
कुमार ने कहा, ‘‘आम आदमी पार्टी द्वारा अपने तीन चुनावी घोषणापत्रों में ऐसा करने का वादा किये जाने के बावजूद अतिथि शिक्षकों के साथ विश्वासघात किया गया है क्योंकि उन्हें नियमित नहीं किया गया है।’’ वह बोले, ‘‘सिसोदिया ने अतिथि शिक्षकों के वेतन में वृद्धि की घोषणा की थी, उन्होंने अपने आवास के बाहर प्रदर्शनकारी शिक्षकों से मिलकर सेवाएं नियमित करने की उनकी मांग को लेकर उन्हें संतुष्ट करने की जहमत भी नहीं उठायी।’’
कांग्रेस की दिल्ली इकाई के प्रमुख कुमार ने आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में घोषणा की थी कि राज्य में तदर्थ शिक्षकों को नियमित किया जाएगा, इस तथ्य को भूलकर कि उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में शिक्षकों को केवल “धोखा” देने के लिए एवं उनके वोट पाने के लिए इसी तरह का वादा किया था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आप सरकार को पहले दिल्ली के तदर्थ शिक्षकों को नियमित करना चाहिए, ताकि पंजाब और अन्य चुनावी राज्यों में खोखले वादे करने से पहले एक सुनहरा उदाहरण पेश किया जा सके।’’