कम वैक्सीनेशन और ज्यादा कोरोना केस वाले 10 राज्यों में केंद्र ने भेजी टीमें, लिस्ट में ये स्टेट भी शामिल

Shri Mi
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दिल्ली।कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को राष्ट्रीय औसत से कम टीकाकरण कर रहे या ज्यादा मामले दर्ज कर रहे 10 राज्यों में एक टीम भेजी है। इन टीमों को अगले तीन से पांच दिनों में राज्यों की स्थिति का आकलन करने और सुधार के लिए सुझाव देने को कहा गया है। अलग अलग राज्यों में भेजी गई टीम हर दिन शाम 7 बजे अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जिन 10 राज्यों में टीम को भेजा गया है उसमें केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, मिजोरम, कर्नाटक, बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पंजाब  शामिल हैं। उत्तर प्रदेश और पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने को हैं, इसलिए केंद्र सरकार ने इन राज्यों को टीकाकरण तेज करने के लिए भी कहा है।

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स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ज्ञापन में कहा गया है कि कोरोना के बढ़ते मामलों और उसकी वजह से हो रही मौतों के मद्देनजर यह भी देखा गया है कि कुछ राज्यों में ओमिक्रोन के मामले भी सामने आए हैं। यह भी पाया गया है कि इन राज्यों में कोरोना टीकाकरण की गति राष्ट्रीय औसत से कम है। इसलिए स्थिति को देखते हुए 10 चिन्हित राज्यों में केंद्रीय टीमों को तैनात करने का निर्णय लिया गया है। 

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जिन 10 राज्यों में केंद्रीय टीमों को तैनात किया जा रहा है उनमें से पांच राज्यों में मौजूदा समय में 5,000 से अधिक सक्रिय मामले हैं। आंकड़ों के अनुसार केरल  में 26,265, महाराष्ट्र में 12,108, पश्चिम बंगाल में 7,446, कर्नाटक में 7,280 और तमिलनाडु में 6,798 मामले हैं। इनमें से महाराष्ट्र और तमिलनाडु में दूसरी डोज लेने वाले का आंकड़ा राष्ट्रीय औसत से कम है। महाराष्ट्र और तमिलनाडु में 57% लोगों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज दी गई है। वहीं वर्तमान में महाराष्ट्र में ओमिक्रोन के सबसे अधिक 108 मामले हैं।

इस लिस्ट में मिजोरम भी शामिल है जहां के दो जिलों की पाजिटिविटी रेट 10% से अधिक है। मिजोरम के चंपई जिले में 11.72% और ममित में 13.62%  पाजिटिविटी रेट है। गौरतलब है कि मिजोरम के दो जिलों में प्रति मिलियन 2,096 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि राष्ट्रीय औसत सिर्फ 72 है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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