जिला शिक्षा विभाग में अनुशंसा चढ़ावा का खेल.. बाबूगिरी से डिपार्टमेन्ट की फिर किरकिरी.बिना खर्च वाले आवेदनों पर..बाबूओं ने लगाया अघोषित बैन

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय मतलब प्रदेश का सबसे चर्चित और दांव पेंच वाला विभाग। खुलासा दर खुलासा होने के बाद भी अंगद की पांव की तरह जमे कार्यालय के अधिकारी और बाबू अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं। अधिकारियों और बाबुओं की जुगलबन्दी के चलते हर महीने एक ना एक भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आ रहा है। विभाग में कुण्डील मारकर बैठे कमोबेश सभी लिपिक लूट खसोद का कोई मौका हाथ से जाने नहीं देते हैं।
 
        स्थानांतरण, अनुकम्पा नियुक्ति , नवीन भर्ती पदस्थापना जैसी घपले बाजी की जांच अभी चल ही रही है। इसी बीच जिला शिक्षा विभाग में अब एक नया मामला सामने आया है।  शिक्षकों के ऑनलाइन आवेदन में अनुशंसा के नाम पर बाबू और अधिकारी जमकर लूटपाट कर रहे हैं। और बेबश मास्टर लूटपाट के लिए..सब कुछ जानते हुए भी मजबूर है। नाम नहीं जाहिर करने की सूरत में पीड़ित शिक्षको ने बताया कि स्थापना खण्ड समेत विभाग के अन्य बाबुओ ने जीना मुश्किल कर दिया है।प्रतिदिन लाखो की वसूली केवल स्थानांतरण के ऑनलाइन आवेदन पर डीईओ की अनुशंसा के नाम पर किया जा रहा है।
 
           जानकारी हो प्रदेश में शिक्षकों के स्थानांतरण  2019 से बंद है। हालांकि समन्वय के अनुमोदन  से प्रति सप्ताह स्थानांतरण आदेश जारी हो रहे हैं। यद्यपि स्थानांतरण सूचियों को लेकर लंबे लेनदेन के आरोप समय समय पर  लगते रहे हैं। तमाम आरोपों को ध्यान में रखते हुए शासन ने स्थानांतरण प्रकिया को ऑनलाइन करने का निर्णय लिया।
 
           आनलाइन प्रक्रिया के तहत शिक्षक स्थानांतरण के लिए  आवेदन करेगा। आवेदन जिला शिक्षा अधिकारी की अनुशंसा के लिए ऑनलाइन पहुँच जाएगा। अनुशंसा के बाद आवेदन आवेदन लोक शिक्षण संचनालय के पास पहुंचेगा। शासन ने पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए  पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइनकियाा।
 
                लेकिन बिलासपुर जिला शिक्षा विभाग के बाबुओं ने सिद्ध कर दिया कि यदि कमाने की चाह है तो राह बनने से कोई रोक नहीं सकता है। मतलब  ऑनलाइन प्रकिया में भी बाबुओं ने पैसे कमाने का जुगाड़ ढूंठ निकाला है। अनुशंसा के नाम पर जमकर वसूली हो रही है।
 
शहरी स्कूलों में बड़ी बोली
 
      पीड़ित एक शिक्षक ने बताया कि अनुशंसा का खेल शहरी क्षेत्रों  के स्कूलों में कुछ ज्यादा है। बिलासपुर शहर के मध्य स्थित स्थित एक स्कूल में किसी खास विषय का एक भी पद खाली नहीं है। बावजूद इसके शिक्षक ने बाबू से लेन देन और सांठगांठ कर स्कूल में जाने के लिए आललाइन आवेदन किया है। यह जानते हुए भी वह अतिशेष होगा। लेकिन उसे अच्छी तरह से जानकारी है कि अगस्त में संबधित विषय का व्याख्याता सेवानिवृत्त हो जाएगा। अतिशेष रहने की स्थिति में पद खाली होने के बाद संबधित विषय का शिक्षक होने के कारण उसे नियुक्त किया जाएगा।
 
     इसलिए शिक्षक ने एक दबंघ बाबू से सांठगांठ कर जिला शिक्षा अधिकारी से पद खाली नहीं होने के बाद भी चाहे गए स्कूल के लिए डीईओ से अनुशंसा करवा लिया है। डीईओ से अनुशंसा होने के बाद ऑनलाइन आवेदन अब राजधानी भी पहुंच गया है।
 
रिक्त पद की जानकारी के बाद भी  अनुशंसा नहीं
 
              जिला शिक्षा विभाग से अन्दर से हासिल जानकारी के अनुसार सैकड़ो ऐसे स्थानांतरण आवेदन हैं जिस पर अभी तक अनुशंसा का मुहर नहीं लगा है। जबकि संबंधित स्कूल के प्रधानपाठक और प्राचार्य ने पद रिक्तता की लिखित जानकारी भी दिया है। लेकिन चढ़ावा नहीं मिलने के कारण ना तो आवेदन को अनुशंसा का मुहर लगाया जा रहा है। और ना ही विभाग के बाबू  आवेदन को अनुशंसा के लिए डीईओ के सामने ही पेश कर रहे हैं। जिसकी वजह से स्कूलों में पद खाली होने बाद भी भरा नहीं जा रहा है।
         
               बहरहाल शिक्षा विभाग में अनुशंसा चढ़ावा चरम पर है। सीजी वाल के पास करीब एक दर्जन मामले प्रमाण के साथ मौजूद हैं। जल्द ही अनुशंसा चढ़ावा खेल का पर्दाफाश किया जाएगा।
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