स्वच्छता का मतलब,अनुशासन..कलेक्टर सौरभ ने प्राचार्यो से कहा…मिलकर जन-जन तक पहुंचाना होगा स्वच्छता संदेश

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—कलेक्टर सौरभ कुमार ने कहा स्वच्छता हमारी शिक्षा व्यवस्था का अहम हिस्सा है। छात्र पहली बार स्कूल में ही अनुशासन सीखता है। और स्वच्छता अनुशासन का मंत्र है। हम सबको समेकित प्रयास से ना केवल स्कूल बल्कि स्वच्छता का संदेश जन जन तक पहुंचाना है। कलेक्टर ने यह बातें मंथन सभागार में आयोजित सम्मान कार्यक्रम के दौरान कही।
 
              कलेक्टर सौरभ कुमार ने मंथन सभागार में आयोजित जिला स्तरीय स्वच्छता पुरस्कार समारोह को संबोधित किया। साथ ही 38  स्कूलों के प्राचार्यों को प्रशस्ति पत्र से स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार 2021-22  कार्यक्रम का आयोजन यूनिसेफ और भारत सरकार स्कूल शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त  तत्वाधान में किया गया। प्रतियोगिता में जिले में संचालित 2 हजार 439 निजी और शासकीय विद्यालयों ने पुरस्कार के लिए आवेदन किया था। 
 
             कलेक्टर  सौरभ कुमार ने कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होने कहा कि स्वच्छता हमारी शिक्षा व्यवस्था का अभिन्न अंग है। एक स्कूली विद्यार्थी स्कूल में ही अनुशासन का पहला पाठ सीखता है। यदि स्कूल परिसर स्वच्छ है तो विद्यार्थी स्वच्छता के प्रति जागरूक रहेगा। अन्य लोगों को भी स्वच्छता के प्रति जागरूक करेगा। समाज में भी स्वच्छता के प्रति जागरूकता आएगी।
 
               कलेक्टर ने जिले के सभी स्कूलों को स्वच्छता के मानकों पर खरा उतरने को कहा। जानकारी देते चलें कि स्वच्छ पुरस्कार के तहत  6 मानक निर्धारित किये गए थे। वाटर, टॉयलेट, हेण्ड वाशिंग विथ सॉप, ऑपरेशन एण्ड मेंटनेंस, बिहैवियर चेंज एण्ड केपिसिटी और  कोविड-19 प्रीपेयर्डनेश एवं रिस्पॉन्स प्रमुख हैं।
 
                          कार्यक्रम में  सीईओ जिला पंचायत जयश्री जैन, जिला शिक्षा अधिकारी डी. के. कौशिक , एडीपीओ अनिल तिवारी, जिला परियोजना कार्यालय से डॉ. अखिलेश तिवारी, आयाज अहमद जुनजानी, सुनीता पाण्डेय,अमित श्रीवास्तव,  स्वप्निल दुबे, सश्मिता शर्मा, पुरस्कृत विद्यालयों के प्राचार्य, शिक्षक सहित विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक मौजूद रहे।
 
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