रायपुर। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन द्वारा प्रस्तावित 25 जुलाई से 29 जुलाई तक पांच दिवसीय सामूहिक अवकाश आंदोलन में प्रदेश के प्रत्येक जिलों में धरना प्रदर्शन आंदोलन होगा। इसी कड़ी में रायपुर राजधानी के कर्मचारी 25 जुलाई को 11 बजे बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर एकत्र होंगे । जहां अपनी मांगों के संबंध में सभा रैली का आयोजन होगा। किंतु बूढ़ा तालाब धरना स्थल की जो दुर्गति है उससे लोकतंत्र शर्मसार हो रही है। इसलिए 25 जुलाई के पूर्व बूढ़ा तालाब धरना स्थल का कांक्रीटीकरण समतलीकरण कर तोहर द्वार और भेंट मुलाकात को साकार करने की मांग मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं महापौर एजाज ढेबर से की गई है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के संरक्षक विजय कुमार झा एवं प्रदेश अध्यक्ष अजय तिवारी ने बताया है कि दोनों जन प्रतिनिधि आम जनता के बीच जाकर नागरिकों मतदाताओं की समस्याओं की जानकारी लेकर उसका निराकरण करते हैं। बूढ़ातालाब धरना स्थल लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मंदिर है, जहां सभी को धरना प्रदर्शन करना होता है। लेकिन वहां दलदल ,मच्छर, गंदगी के बीच मनुष्य और जानवर दोनों एक साथ रहने और बैठने के लिए मजबूर है। ऐसी स्थिति में एक-एक व्यक्ति और मतदाता की समस्या को खोजने वाले प्रदेश और राजधानी के लाखों कर्मचारियों की समस्या विशेषकर महिला कर्मचारी जो धरना प्रदर्शन करते हैं, उससे नारी शक्ति को पीड़ा होती है।
प्रदेश में 25 जुलाई से 29 जुलाई तक पांच दिवसीय महंगाई भत्ता एवं गृह भाड़ा भत्ता के लिए प्रस्तावित आंदोलन के लिए बूढ़ा तालाब धरना स्थल में बरसात के समय समतलीकरण कर, जल, विद्युत की व्यवस्था करने की मांग संघ के महामंत्री उमेश मुदलियार जिला शाखा अध्यक्ष रामचंद्र ताण्डी, विमल चंद कुण्डू संभागीय अध्यक्ष संजय शर्मा, सीएल दुबे, इदरीश खान, सुरेंद्र त्रिपाठी, नरेश वाढ़ेर, प्रवीण डिढवंशी, टार्जन गुप्ता, संजय झड़बड़े, सुनील जारोलिया, सुंदर यादव, विजय कुमार डागा, प्रदीप उपाध्याय, संत लाल साहू, डॉं अरुंधति परिहार, श्रीमती पद्मावती साहू, संतोष खांडेकर, श्रीमती सरिता पाठक, प्रेम किशोर बाध, श्रीमती रितु परिहार, ज्ञानेश झा, श्रीकांत मिश्रा, राजू सोनी, श्रवण सिंह ठाकुर, प्रदीप मिश्रा, चितरंजन साहू, आदि नेताओं ने मुख्यमंत्री महापौर से एक दिन मेल मुलाकात व महापौर तुम्हर द्वार कार्यक्रम 25 जुलाई के पहले बूढ़ा तालाब धरना स्थल में आयोजित कर प्रदेश के मेहनतकश, मजदूरों, शासकीय अधिकारियों कर्मचारियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं अनियमित कर्मचारियों, कोटवारों मनरेगा कर्मचारियों, स्वास्थ्य संयोजकों, विश्वविद्यालय कर्मचारी एवं नगर निगम कर्मचारियों सहित चतुर्थ वर्ग कर्मचारी से लेकर राजपत्रित अधिकारियों तक के समस्या का निदान कर उनके सम्मान की रक्षा करने की मांग की है।