बिलासपुर–एसईसीएल से प्रशिक्षित सैकड़ों युवक युवतियों ने एसईसीएल कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया। मुख्य दरवाजे के सामने प्रदर्शन के दौरान किसी कर्मचारी को कार्यालय के अन्दर प्रवेश नहीं करने दिया। आंदोलन कारियों ने बताया कि हमने डेढ़ साल प्रशिक्षण किया है। आज पांच हजार से अधिक युवक बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं। हमारी मांग है कि इस कठिन दौर में हमारी सुने और रोजगार का अवसर दे।
प्रदर्शन कारी नेता ऋषि पटेल ने बताया कि डेढ़ साल तक अप्रेंटिस के दौरान एसईसीएल ने हमारा शोषण किया है। महिलाओं को देर रात तक नियम विरूद्ध काम कराया गया। हमने प्रशिक्षण एसईसीएल में लिया..अब घर मैें बैठे हैं। समझने वाली बात है कि हम अपना स्किल क्या घर में कोयला खोदकर पूरा करेंगे।
ऋषि पटेल ने कहा..कि अधिकारियों ने हमें बायोडाटा जमा करने को कहा। सभी जानकारी को लिखित रूप में पेश किया है। बावजूद इसके आज तक एक भी युवक या युवती को रोजगार नहीं दिया गया। हमने शोषण के खिलाफ जांच की मांग की है। आज तक जांच पूरी नहीं हुई है। एसईसीएल में करीब एक हजार ठेकेदार है। खुद अधिकारी ने बताया। अधिकारियों के परामर्श पर हम आउटसोर्सिंग के लिए भी तैयार हैं। एसईसीएल हमारे ऊपर दया करे। हमारा भविष्य अधंकार में है।
जनसम्पर्क अधिकारी शनिष चन्द्र ने कहा..इन्हे अच्छी तरह से जानकारी है कि कोयला मंत्री स्पष्ट कर दिया है कि नौकरी संभव नहीं है। बावजूद इसके धरना प्रदर्शन समझ से परे है। अभी तक हमारी पांच दौर की बातचीत हो चुकी है। सच तो यह है कि इनका मुद्दा क्या है…अभी तक स्प्षट नहीं है। कभी कुछ मुद्दा होता तो कभी कुछ…। आज किसी कर्मचारी को कार्यालय में प्रवेश करने नहीं दिया गया। उद्योगों को कोयला की आपूर्ति नहीं हुई। कई गंभीर मरीजों को मेडिकल रिफरल आवेदन जारी नहीं किया गया। इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा।
शनिष ने बताया कि बावजूद इसके हम अभी भी बातचीत के लिए तैयार है। आंदोलन कारियों को लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बातों को रखना चाहिए। नुकसान पहुंचाना ठीक नहीं है। क्योंकि देश को जो नुसकान हो रहा है..इसमें आपका भी नुकसान शामिल है।
आंदोलनकारियों को माने तो हम बिना नौकरी प्रदर्शन को बन्द नहीं करेंगे। इसके लिए हम हर कीमत देने को तैयार हैं। तीन महीने से महीने से आंदोलन चल रहा है। आगे भी जारी रहेगा। लेकिन आंदोलन खत्म नौकरी के आश्वासन के बाद ही खत्म होगा।