रायपुर। प्रदेश के हजारों अनियमित कर्मचारी 22 अप्रैल को तूता धरना स्थल पर अर्द्ध-नग्न धरना प्रदर्शन के साथ मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेंगे। नियमितीकरण, पृथक कर्मचारियों की बहाली, अंशकालीन कर्मचारियों की पूर्णकालीन, आउट सोर्सिंग/ठेका बंद, दिवंगत शिक्षाकर्मियों के परिजनों को अनुकम्पन नियुक्ति नहीं होने से आहत 60 अनियमित संगठन के कर्मचारी इसमें शामिल होंगे। इनमें संविदा, दैवेभो, कलेक्टर और श्रमायुक्त दर पर कार्यरत श्रमिक, प्लेसमेंट, मानदेय, अशंकालिक, जाबदर, ठेका कर्मी शामिल हैं।
संगठन के संयोजक गोपाल साहू ने कहा कि 2018 में कांग्रेस ने सरकार बनने पर 10 दिवस में प्राथमिकता से हमारी मांगों को पूरा करने का वादा किया7 इसी प्रकार कांग्रेस के जन-घोषणा (वचन) पत्र दूर दृष्टि, पक्का इरादा, कांग्रेस करेगी पूरा वादा के बिंदु क्रमांक 11 एवं 30 में अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण करने, छटनी न करने तथा आउट सोर्सिंग बंद करने का उल्लेख है। इसी प्रकार पृथक कर्मचारियों को रोजगार देने की वचन दिया गया है।
उपरोक्त वादा एवं घोषणा के विपरीत अनियमित कर्मचारियों की निरंतर छंटनी की जा रही है एवं विगत 4 वर्षों से संविदा वेतन एवं 6 वर्षों से न्यूनतम वेतन में बढ़ोत्तरी नहीं की गई। कांग्रेस का 10 दिन में पूरा करने का वादा अद्यतन साढ़े चार वर्ष में भी पूर्ण नहीं किया तथा सरकार की अंतिम बजट में भी अनियमित कर्मचारियों के लिए किसी प्रकार प्रावधान नहीं है। इन कारणों से अनियमित कर्मचारियों में असंतोष एवं आक्रोश व्याप्त है।प्रांतीय सह संयोजक छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा प्रेमप्रकाश गजेन्द्र ने प्रदेश के समस्त सहयोगी अनियमित संघ के सदस्यों से अपील की है कि अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने का आग्रह किया है।