यूपी सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में तीन मुख्य साजिशकर्ता गिरफ्तार

Shri Mi
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यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कराने के मामले में तीन मुख्य साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह जानकारी उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने शुक्रवार को दी।

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डीजीपी प्रशांत कुमार और एडीजी (कानून व्यवस्था एवं एसटीएफ) अमिताभ यश ने पत्रकारों को बताया कि प्रयागराज के अभिषेक कुमार शुक्ला, मिर्जापुर के शिवम गिरि और भदोही के रोहित कुमार पांडेय अहमदाबाद की टीसीआई एक्सप्रेस कंपनी के पूर्व कर्मचारी हैं। आरोपियों ने पहले मुद्रित प्रश्न पत्रों की ढुलाई में शामिल परिवहन कंपनी के साथ काम किया था। आरोपी फरवरी के पहले सप्ताह में अहमदाबाद के एक गोदाम से पेपर लीक करने में कामयाब रहे, जहां प्रश्न पत्र रखे गए थे।

डीजीपी ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस और एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) की कई टीम की गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकला है कि परीक्षा का पेपर इन तीन व्यक्तियों द्वारा लीक किया गया था। जब परीक्षा का पेपर प्रिंटिंग प्रेस से स्ट्रांग रूम में ले जाया जा रहा था, तभी आरोपियों ने पेपर लीक कर दिया। उन्होंने वेयरहाउस में रखे पेपर के बक्से का कब्जा खोलकर आईफोन से फोटो ली थी।

उन्होंने आगे बताया कि राजीव नयन ने बक्सा खोलने में माहिर पटना निवासी शुभम मंडल को बुलाया था, जिसे एसटीएफ हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। वहीं, राजीव नयन मिश्रा ने अपने साथी रवि अत्री के साथ पेपर को विक्रम पहल, मोनू ढाकला, विक्रम दहिया, महेन्द्र शर्मा, गौरव चौधरी, मोनू पंडित, सतीश धनकड़ (नेचर वेली रिसोर्ट का मालिक), नीटू, धीरज उर्फ गोल्डी (हरियाणा के सोनीपत में बॉलीवुड रेस्टोरेंट का मालिक) आदि को दिया था।

डीजीपी ने बताया कि राजीव नयन पहले भी कई प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक कर चुका है। उसका नाम हाल ही में आयोजित आरओ/एआरओ परीक्षा का पेपर लीक करने में भी आया है। सिपाही भर्ती पेपर लीक मामले में अब तक 396 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसमें से 54 को एसटीएफ ने पकड़ा है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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