देर रात तक हंगामा..कलेक्टर की बैठक में होगा फैसला.. आंदोलनकारियों ने मृतक की पत्नी के लिए मांगा रोजगार

BHASKAR MISHRA
बिलासपुर(रियाज़ अशरफी)– एनटीपीसी सीपत में भू-विस्थापित कर्मचारी नरेंद्र मिश्रा की मृत्यु के बाद कर्मचारी संगठन इंटक,बीएमएस,सीटू और सभी दलों के नेताओ ने जमकर हंगामा मचाया। एनटीपीसी स्थित अस्पताल परिसर में मृतक की पत्नी को नौकरी देने की मांग को लेकर देर रात तक धरना आंदोलन किया। मस्तूरी एसडीएम महेश शर्मा के पहुचने के बाद आंदोलनकारी,प्रशासन और एनटीपीसी प्रबंधक के बीच मृतक नरेंद्र की पत्नी को नौकरी देने पर सहमति बनी। अंतिम फैसला 9 नवम्बर बुधवार को कलेक्ट्रेट में बिलासपुर कलेक्टर की उपस्थिति में होने वाली भुविस्थापित,प्रशासन और एनटीपीसी प्रबंधन के बीच त्रिपक्षीय बैठक में होगा। बैठक में सांसद और विधायक समेत क्षेत्र के अन्य जनप्रतिनिधि विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।
 
               जानकारी देते चलें कि बुधवार को एनटीपीसी में एक हादसे में कनिष्ठ तकनीशियन नरेन्द्र मिश्रा की मौत हो गयी। देवरी निवासी नरेन्द्र मिश्रा की नौकरी जमीन अधिग्रहण के बाद लगी। बुधवारकी दोपहर लगभग 2 बजे के आसपास साइड इंचार्ज के आदेश पर स्लेरी पम्प हॉउस स्टेज-2 के बाहर मलीचिंग स्टोरेज मशीन टैंक के वॉल को टेस्टिंग के लिए गया। वाल को खोलते ही भयानक विस्फोट हुआ। 150 की गति से टैंक के वॉल में लगे पार्ट्स नरेंद्र के सिर में घुस गए। चोंट इतना भयानक था कि नरेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई।
 
                         घटना की जानकारी के बाद गुस्साए कर्मचारी संगठन और सभी दलों के नेताओ ने ग्रामीणों के साथ एनटीपीसी प्रबंधन के ऊपर लापरवाही का आरोप लगाया। धरना प्रदर्शन कर मृतक की पत्नी को तत्काल नौकरी दिए जाने का दबाव बनाया। घटना के दिन दोपहर 2 बजे से देर रात तक हंगामा के बाद एनटीपीसी प्रबंधन को आंदोलनकारियों के सामने झुकना पड़ा। 
 
              इस दौरान प्रदेश कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष प्रेमचंद जायसी,छ.ग. मछुआ कल्याण बोर्ड उपाध्यक्ष राजेन्द्र धीवर,जिला पंचायत सभापति राहुल सोनवानी,जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि दिलेन्द्र कौशिल,मनोज खरे,अभिलेष यादव,मन्नू सिंह,संतोष पनौरे समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे। 
 
नरेन्द्र मिश्रा को बनाया प्रयोग का तत्व
 
                   जानकारी के अनुसार एनटीपीसी सीपत यूनिट में राखड़ समस्या निपटान को लेकर एक बड़े अधिकारी के निर्देश पर प्रयोग किया जा रहा है।  डेम से उड़ते डस्ट को रोकने के उद्देश्य से एक पुरानी टैंकर पर गोबर,पानी और सम्भवतः लिक्विड मिलाकर कम्प्रेसर मोटर से ऑक्सीजन के साथ प्रयोग किया जा रहा था । नरेन्द्र मिश्रा को उसी टैंक में कम्प्रेसर की गति जांचने के लिए भेजा गया। नरेन्द्र मिश्रा स्पीड वॉल खोलते ही चपेट में आ गया। और उसकी मौके पर ही मौत हो गयी। कुल मिलाकर नरेंद्र मिश्रा भी वरिष्ठ अधिकारी के प्रयोग का भेंट चढ़ गया। 
 
एसडीएम और सीजीएम की उपस्थिति में फैसला
 
घटना के बाद नौकरी की मांग को लेकर पिछले 10 घण्टो से हंगामेदार आंदोलन और 7 घण्टो से मीटिंग चल रही थी देर रात एसडीएम महेश शर्मा, एनटीपीसी सीजीएम घनश्याम प्रजापति,मछुआ कल्याण बोर्ड उपाध्यक्ष राजेन्द्र धीवर,जिला पंचायत सभापति राहुल सोनवानी,जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि दिलेन्द्र कौशिल,इंटक के कार्यकारी अध्यक्ष सलीम वीरानी,सीटू महासचिव प्रताप खरे, बीएमएस के रामखिलावन साहू सहित मृतक के परिवार और ग्रामीणों की उपस्थिति में मृतक की पत्नी को नौकरी पर सहमति बनी तब कही जाकर आंदोलन समाप्त हुआ।
 
कलेक्टर बैठक में अंतिम फैसला
 
एनटीपीसी मानव संसाधन उप महाप्रबंधक विवेक चन्द्र ने बताया कि मृतक नरेंद्र की पत्नी को एनटीपीसी में नौकरी देने को लेकर बातचीत हो रह है। मामले में 9 नवम्बर को कलेक्ट्रेट में त्रिपक्षीय वार्ता होगी। साथ ही भूविस्थापितों के मांग पर भी चर्चा होगी। 
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