केशव की दो किताबें विमोचित,साहित्य की निरंतरता का होता है सम्मान:डॉ.संजय अलंग

Chief Editor
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बिलासपुर । ” मंगला की रचना में कथ्य और भाषा का प्रवाह मोहक है,पाठक को यह बांधे रखने में सफल है।किसी भी परिवार के लिए गौरवपूर्ण पल होता है जब उनके परिवार का एक सदस्य का सम्मान होता है।पहली बार यह देखा कि एक पुत्र अपने पिता के कृति का विमोचन करने हेतु निवेदन कर रहा है।” यह विचार प्रमुख अभ्यागत डॉ. संजय अलंग (IAS) संभागायुक्त बिलासपुर ने व्यक्त किये।
उन्होंने आगे कहा-” केशव शुक्ला ने लेखन में निरंतरता बनाकर रखी है और आज यह सम्मान उनकी निरंतरता का है।”
वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार केशव शुक्ला की दो किताबें मंगला(उपन्यास),जिंदगी के टेढ़े-मेढ़े रास्ते(आत्मकथा)का विमोचन छंदशाला के तत्वावधान में उन्होंने साईं आनन्दम् ,वैष्णवी विहार, उसलापुर में 12 नवंबर की शाम किया।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ.विनय पाठक ने कहा-“सृजन में पारिवारिक परिवेश और घटनाओं के वृत्तांत लिए गए हैं जिससे कथानक सशक्त हो गया है।भाषा की शैली और कथ्य का प्रवाह काव्य सौष्ठव को बनाए रख पाने में सफल है।”
तत्पश्चात आमंत्रित अतिथियों का शॉल श्रीफल और पुष्प-हार से स्वागत एवं सम्मान किया गया। जिसमें प्रमुख अभ्यागत,अध्यक्ष, विशिष्ट अतिथि के साथ डॉ .सुनीता मिश्रा संयोजिका छंदशाला और वरिष्ठ साहित्यकार विजय तिवारी,बुक्स पब्लिकेशन के डॉयरेक्टर हितेश सिंह बिसेन शामिल थे।
संयोजिका डॉ.सुनीता मिश्र ने स्वागत उदबोधन देते हुए कहा-” किसी भी रचनाकार के लिए सृजन और विमोचन गौरवशाली क्षण होता है । उन्होंने मंगला की कथा को हर घर परिवार की कथा बताया और कहा कि मुझमें भी तो एक ‘मंगला’ सांस लेती है।”
वरिष्ठ साहित्यकार और छंदशाला के मार्गदर्शक विजय तिवारी ने संस्कार धानी बिलासपुर में प्रवाहित साहित्यिक धारा और छंदशाला के योगदान को अनमोल बताया।
साहित्यकार केशव शुक्ला ने अपनी बात रखते हुए कहा-” लेखन मेरे आखरी सांस तक चलते रहे यही इच्छा है ।उन्होंने मंगला और जिंदगी के टेढ़े-मेढ़े रास्ते पर संक्षिप्त रूप से प्रकाश डाला ।विशिष्ट अतिथि साहित्यकार ए.के. यदु ने जिंदगी के टेढे मेढे रास्ते पर प्रकाश डाला और रचनाकार को उनके सृजन पर बधाई दी ।
छंदशाला के समस्त रचनाकारों के द्वारा श्रीमती अम्बी देवी केशव शुक्ला का शाल,श्रीफल एवं तुलसी का पौधा देकर सम्मान किया गया । कार्यक्रम का संचालन हरबंश शुक्ला और आभार प्रदर्शन मयंक दुबे ने किया।
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में सरस काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें सीपत के पूर्व विधायक अरुण तिवारी, गज़लकर राजेन्द्र रंजन गायकवाड़,विजय तिवारी, ओमप्रकाश भट्ट ,अमृतलाल पाठक ,शैलेंद्र गुप्ता ,रेखराम साहू , बुधराम यादव,पी.डी.वैष्णव,अशरफी लाल सोनी ,राजेंद्र तिवारी,उषा तिवारी,रेणु वाजपेयी ,सोम प्रभा तिवारी ,डॉ .सुनीता मिश्रा ,मयंक मणि दुबे ,विनय पाठक ने काव्य पाठ कर वाहवाही बटोरी ।
कार्यक्रम में पूर्व न्यायाधीश शिवमंगल पांडेय,रामचंद्र पाठक ,राघवेंद्र दुबे ,पी.डी.मानिकपुरी, अंजनी कुमार तिवारी , बुक क्लिनिक के डॉयरेक्टर हितेश सिंह बिसेन , कंप्यूटर मैन राजेश बंजारे ,श्रीमती अम्बी देवी केशव शुक्ला,शिवमंगल, शिवनन्दन शुक्ला,श्रीमती प्रति, श्रीमती आकांक्षा शुक्ला समेत छंदशाला के साहित्यकार और शहर के गणमान्य लोग उपस्थित थे । 

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