आदिवासी नेता नन्दकुमार साय.. BJP में क्यों थे परेशान…? देखिए..प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव को लेकर कह दी यह बात…। किसको कहा गंगू

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—- भाजपा के पूर्व  और कांग्रेस के वर्तमान नेता नन्दकुमार साय ने कहा कि भाजपा मैें उनकी बातों को कभी गंभीरता से लिया नहीं गया। यह जानते हुए कि छत्तीसगढ़ में पार्टी कमजोर हो रही है। मामले में विचार मंथन को लेकर कई बार कहा…लेकिन किसी ने ना तो उनके बातों को ही ध्यान दिया…। इतना ही नहीं पार्टी नेताओं ने अपमानित किया। यह बातें नन्दकुमार साय ने छत्तीसगढ़ भवन  में पत्रकारों से चर्चा के दौरान की। साय ने कहा कि मुझे हमेशा सत्तर पचहत्तर की धमकी दिया गया। सच तो यह है कि बीजेपी में कोई काम ही नहीं है…और ना काम करने वालों की इज्जत ही है। अरूण साव पर भी इस दौरान नन्दकुमार ने निशाना साधा। उन्होने कहा कि जब से अरूण साव अध्यक्ष बने हैं पार्टी की गति क्या हो गयी है। सब लोग देख रहे हैं।

भाजपा छोड़कर कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए सीएसएफआईडीसी चैयरमैन बिलासपुर पहुंचे। छत्तीसगढ़ भवन में उन्होने पत्रकारों से बातचीत की। इस दौरान साय ने भाजपा पर आरोप लगाया कि पार्टी में उनकी इज्जत नहीं हुई। और ना ही काम करने वालों की इज्जत है। इसलिए पार्टी छोड़ा और काम करने कांग्रेस में प्रवेश किया।

दल के साथ दिल बदला….अपमान या सम्मान

एक सवाल कि आपने दल के साथ दिल बदला..अपमानित होकर बदला…या सम्मानित होने के लिए बदला। सवाल पर लम्बा जवाब देते हुए नन्दकुमार साय ने कहा कि भाजपा में रहकर पार्टी को मजबूत करने के लिए प्रयास किया। बड़े नेताओं को बताया कि पार्टी की हालत छत्तीसगढ़ में ठीक नहीं है। कई बार और कई मंच पर कई नेताओं से इस बात को लेकर चर्चा किया। लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। हमने दिल्ली से लेकर छत्तीसगढ़ में भी बातचीत की। यहां तक कि संघ में भी इस बात को रखा। यह भी बताया कि इसके लिए कौन कौन जिम्मेदार है।

एक दिन यह बात सामने आयी कि किसी आदिवासी नेता को आंगे किया जाए। जब हमने अपने बारे में बताया तो भाजपा के बड़े नेताओं ने कहा कि आपके नाम से लोग सहमत नहीं है। और यह भी बताया कि अब पार्टी में 70-75 साल वालों के लिए पार्टी में जगह नहीं है। इसके बाद महसूस हुआ कि उनके लिए पार्टी में जगह नहीं है। और फिर पार्टी छोड़ दिया। जबकि मैने गवर्नर के आफर को भी ठुकरा दिया। द

काम करने वाले का सम्मान नहीं

नन्दकुमार साय ने एक सवाल के जवाब में कहा कि भाजपा में काम करने वालों का सम्मान नहीं है। जब लगा तो पार्टी छोड़ दिया। आज भी भाजपा में काम करने वालों की कोई कद्र नहीं है।

आपने पार्टी के साथ विश्वासघात किया

प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाया है कि आपने पार्टी के साथ विश्वासघात किया है। सवाल पर नाराजगी जाहिर करते हुए नन्दकुमार साय ने कहा कि कौन और कहां साव आया है। मैं नहीं जानता…जबसे पार्टी का अध्यक्ष बना है…पार्टी की हालत प्रदेश में क्या हो गयी है। किसी से यह बात छिपी नहीं है। रही बात मुख्यमंत्री बनाए जाने की तो बताना चाहूंगा कि यह आरोप सरासर गलत है। 

  यह भी आरोप गलत है कि पार्टी ने सब कुछ दिया…पार्टी में बहुत सारे हैं..गंगू राम को पद क्यों नहीं दिया। उन्होने मुझे पद नहीं दिया है। मेहनत से हासिल किया है। यदि ऐसा है तो पार्टी में अभी भी कई  गंगू राम हैं उन्हेें पद दें। अरूण साव जब से आए हैं..पार्टी की गति दिखाई देने लगी है। 

संघ का दबाव नहीं

क्या संघ का आज भी दबाव है। नन्दकुमार ने इंकार करते हुए कहा कि कोई दबाव नहीं है। अरूम साव के आने के बाद पार्टी की गति बिगड़ गयी है। देखते जाइए अभी पार्टी के साथ क्या क्या होता है।

प्रधानमंत्री भी 74 साल के

क्या 70-75 साल का फार्मूला प्रधानमंत्री पर लागू होगा..प्रधानमंत्री 74 साल के हो गये है। नन्दुकमार साय ने बताया कि अब वह लोग जाने..मैं यहां की बात बता दिया हूं।

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