बिलासपुर।छत्तीसगढ़ के शासकीय अर्धशासकीय, निगम मंडल के कर्मचारी/अधिकारी, संविदा कर्मचारी और पेंशनर छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय आह्वान पर बुधवार को राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर भोजनअवकाश अवधि में अपनी मांगों के जल्द निराकरण के लिए ध्यानाकर्षण रैली के माध्यम से शासन का ध्यान आकृष्ट किया।बता दें कि लंबित महंगाई भत्ते की राशि को लेकर अधिकारी कर्मचारियों में रोष व्याप्त है।cgwall.com के whatsapp ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करे
फेडरेशन की प्रमुख मांगो में राज्य के कर्मचारियों/ अधिकारियों और पेंशनर को केंद्र के समान जनवरी 2018 से जनवरी 2019 तक महंगाई भत्ता की लंबित किश्ते क्रमशः जनवरी 2018 के 2% ,जुलाई 2018 का 2%, जनवरी 2019 का 3% कुल 7% है। इसे तत्काल दिया जाए।
इसके अलावा फेडरेशन द्वारा मुख्यमंत्री को 1 जनवरी को भी ज्ञापन दिया गया था।उनमें जन घोषणा पत्र में कर्मचारियों के हित में की गई घोषणा में उल्लेखित सभी तृतीय चतुर्थ वर्ग का शासकीय कर्मचारियों के लिए क्रमोन्नति पदोन्नति और चार स्तरीय वेतनमान लागू किया जाएगा। और दैनिक वेतनभोगी कर्मियों को रिक्त पदों में नियमितीकरण की कार्रवाई की जाएगी और किसी की भी छटनी नहीं होगी।शिक्षा कर्मियों को 2 साल पूर्ण किए जाने पर नियमित किया जाएगा।
वित्तीय वर्ष 2019 से क्रियान्वयन प्रारंभ किया जाए।प्राथमिकता के आधार पर राज्य के लिपिक संवर्ग की वेतन विसंगति दूर की जाए।शिक्षक संवर्ग स्वास्थ्य संबंधी तकनीकी और कार्यपालिका कर्मचारियों समेत राज्य के सभी संवर्ग की वेतन विसंगति भी तत्काल दूर की जाए।
सातवें वेतनमान के एरियर राशि को तीन समान किस्तों में भुगतान कर जीपीएफ खाता में जमा किया जाए। 300 दिन के अर्जित अवकाश का नगदीकरण हो।सातवें वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा भत्ता सहित सभी भत्तों को पुनरीक्षित किया जाए।
33 की जगह 25 साल की सेवा अवधि पूर्ण करने पर पूर्ण पेंशन का लाभ दिया जाए।प्रशासनिक सुधार आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए।कर्मचारी संगठनों की मान्यता को बहाल करते हुए संगठन के पदाधिकारियों को प्रदत्त सुविधा का लाभ दिया जाए।
राज्य परामर्श दात्री समिति की नियमित बैठक बुलाई जाए। 20 साल से और 50 वर्ष आयु के आधार पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति वाले शासन के समक्ष लंबित प्रकरणों का कर्मचारी अधिकारी हित में जल्द निराकरण हो।प्रदेश में कार्यरत सभी अनियमित कर्मचारियों की वरीयता के आधार पर तत्काल नियमित किया जाए। नया रायपुर और जिला मुख्यालयों में बसने के इच्छुक अधिकारी कर्मचारियों को सस्ती दर पर विकसित भूखंड उपलब्ध कराया जाए।