धमतरी-कलेक्टर डॉ. सी.आर. प्रसन्ना ने आज मगरलोड विकासखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों में बनाए गए एनीकट तथा निर्मित व निर्माणाधीन नहर-नालियों के लाइनिंग कार्यों की गुणवत्ता परखने निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने मगरलोड एनीकट के समीप मंदरौद अपस्ट्रीम में जेसीबी से किए जा रहे अवैध रेत उत्खनन एवं परिवहन को तत्काल रूकवाने के लिए एसडीएम कुरूद को दूरभाष पर निर्देशित किया। साथ ही मेघा वितरक शाखा एवं माइनर केनाल के अंतिम छोर पर ग्रामीणों द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटवाने के लिए कार्यपालन अभियंता को निर्देश दिए।कलेक्टर डॉ. प्रसन्ना ने सबसे पहले मेघा एनीकट का स्थल निरीक्षण किया। कार्यपालन अभियंता कोड क्रमांक-90 ए.के. पालड़िया ने बताया कि इसका निर्माण वर्ष 2015-16 में 53.34 करोड़ रूपए की लागत से तैयार किया गया है, जिसकी लम्बाई 900 मीटर तथा ऊंचाई ढाई मीटर है। इस पर कुल 65 जलद्वार (गेट) बनाए गए हैं तथा इसके बनने से आसपास के 12 गांवों के 1988 हेक्टेयर क्षेत्र को ग्राउण्ड वॉटर रिचार्ज का लाभ मिलता है। इसके बाद उन्होंने करेली डिस्ट्रीब्यूटरी में चल रही नहर लाइनिंग का काम देखा। इसके बाद मेघा माइनर केनाल का निरीक्षण किया, जहां पर विभाग के अधिकारी ने बताया कि इसके टेल एरिया में कुछ ग्रामीणों के द्वारा अतिक्रमण किए जाने से जल बहाव रुक जाता है। इस पर कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों के सहयोग से अतिक्रमण हटाने के लिए निर्देशित किया। इसके बाद कलेक्टर ने वर्ष 2017-18 में स्वीकृत 11.3 किलोमीटर लंबी हरदी डिस्ट्री ब्यूटरी का निरीक्षण किया।
जल संसाधन विभाग के एसडीओ ने बताया कि इस पर कार्य प्रगति पर है तथा अंतिम चरणों में है। वर्तमान में बारिश की वजह से काम रूका हुआ है, जिसे अगस्त में फिर से शुरू किया जाएगा। तदुपरांत ग्राम भरदा के पास साढ़े आठ किलोमीटर लंबी करेली वितरक शाखा की नहर लाइनिंग का निरीक्षण कलेक्टर ने किया। उन्होंने सभी कार्यों का हरहाल में गुणवत्तापूर्वक निर्माण करने के निर्देश जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को दिए। इसके अलावा कतिपय छोटी नहर-नालियों के निर्माण कार्य का भी उन्होंने निरीक्षण कर जलबहाव दुरूस्त करने उनकी सफाई करने के लिए निर्देशित किया।
फिर कलेक्टर ने मगरलोड के बकोरी जलाशय का निरीक्षण किया। वर्तमान में इसका जलभराव 27 प्रतिशत है। कार्यपालन अभियंता ने बताया कि इससे 728 हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई सुविधा मिलती है। दोपहर बाद कलेक्टर ने देवपुर-डोंगापथरा-दरगहन एनीकट का निरीक्षण एवं अवलोकन किया। उन्हें बताया गया कि यह महानदी पर बना पहला ऑटोमेटिक एनीकट है, जहां पर जलभराव की स्थिति में सभी गेट स्वतः खुल जाते हैं।उक्त एनीकट को वर्ष 2014-15 में लगभग 39 करोड़ रूपए की लागत से बनाया गया है जिसमें कुल 16 गेट स्वचालित गेट हैं तथा इसकी लम्बाई 680 मीटर व ऊंचाई ढाई मीटर है। इस अवसर पर विभाग के अधिकारी, मैदानी कर्मचारी तथा ग्रामीणजन उपस्थित थे।