घोंघा-खारंग आधे तो गंगरेल लबालब

Shri Mi
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Fishery5♦कोसारटेडा, श्याम  और खपरी लबालब
♦जलाशयों में तीन हजार 957 मिलियन घन मीटर पानी भरा
रायपुर।छत्तीसगढ़ के 42 छोटे-बड़े सिंचाई जलाशयों में अब औसत रूप से 63 प्रतिशत जलभराव है। इनमें से कोसारटेडा, श्याम  और खपरी जलाशय लबालब भरे हैं। गंगेरल बांध में क्षमता का 97 प्रतिशत जल भराव की स्थिति है। जल संसाधन विभाग के स्टेट डाटा सेन्टर से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार कल 18 अगस्त की सुबह की स्थिति में सभी जलाशयों में तीन हजार 957 मिलियन घन मीटर पानी भरा हुआ है, जबकि इनकी कुल जल भराव क्षमता छह हजार 267 मिलियन घन मीटर है।
स्टेट डाटा सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार मिनीमाता बांगो बांध 43.6.96 प्रतिशत, तांदुला जलाशय 40.77 प्रतिशत, दुधावा जलाशय 60.79 प्रतिशत, सिकासेर जलाशय 83.80 प्रतिशत, खारंग जलाशय 46.04 प्रतिशत, सोढूंर जलाशय 70.99 प्रतिशत, माड़मसिल्ली जलाशय 60.30 प्रतिशत, कोडार जलाशय 34.52 प्रतिशत, मनियारी जलाशय 70.88 प्रतिशत, खरखरा जलाशय 68.35 प्रतिशत, गोंदली जलाशय 29.64 प्रतिशत, परालकोट जलाशय 71.27 प्रतिशत, छिरपानी जलाशय 65.65 प्रतिशत, पिपरियानाला जलाशय 76.80 प्रतिशत, बल्लार जलाशय 22.50 प्रतिशत, सुतियापाट जलाशय 94.86 प्रतिशत तथा मोंगरा बैराज जलाशय 78 प्रतिशत भरा है।

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                                                           इसी प्रकार मरोदा जलाशय में क्षमता का 72.40 प्रतिशत, सरोदा जलाशय में 37.55 प्रतिशत, घोंघा जलाशय में 53.27 प्रतिशत, मटियामोती जलाशय में 62.61 प्रतिशत, झुमका जलाशय में 78.31 प्रतिशत, गेजटेंक जलाशय में 42.28 प्रतिशत, खम्हारपाकुट जलाशय में 88.75 प्रतिशत, केशवा जलाशय में 23.15 प्रतिशत, कर्रानाला जलाशय में 86.35 प्रतिशत, बांकी जलाशय में 55.24 प्रतिशत, केदारनाला जलाशय में 60.29 प्रतिशत, किनकारीनाला जलाशय में 44.33 प्रतिशत।

वहीं कुवंरपुर जलाशय में 68.55 प्रतिशत, बेहारखार जलाशय में 69.66 प्रतिशत, खपरी जलाशय में 99.49 प्रतिशत, कुम्हारी जलाशय में 17.27 प्रतिशत, बरनई जलाशय में 63.59 प्रतिशत, पेंड्रावन जलाशय में 35.91 प्रतिशत, रूसे जलाशय में 42.37 प्रतिशत, पुटकानाला जलाशय में 56.76 प्रतिशत, मयाना जलाशय में 49.11 प्रतिशत तथा धारा जलाशय में क्षमता का 52.76 प्रतिशत जल भराव हो गया है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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