जशपुर नगर । लॉक डाउन के इस समय में जशपुर जिले के कलेक्टर निलेश कुमार क्षीर सागर के मार्गदर्शन और जिला शिक्षा अधिकारी एन, कुजूर के नेतृत्व मे विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढाने के लिये सभी शिक्षकों को निर्देशित किया गया है कि सभी स्कूल शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी वेब पोर्टल www.cgschool.in के माध्यम से पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम का लाभ बच्चों को दिलाने शत प्रतिशत शिक्षक अपना पंजीयन कराए और विद्यार्थियों को इस ऑनलाइन शिक्षण पोर्टल का लाभ दिलाएं।
इसके अतिरिक्त जिले के शिक्षकों द्वारा अपने अपने विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के पालकों का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया है। इस ग्रुप के माध्यम से बच्चों को विभिन्न प्रकार के काम शिक्षकों द्वारा प्रतिदिन देने का प्रयास किया जा रहा है। बच्चे उसके अनुसार घर पर पढ़ाई करते हैं और इस संदर्भ के फोटो और वीडियो ग्रुप में पालकों द्वारा शेयर करते हैं। शिक्षकों द्वारा उनकी शंकाओ का समाधान भी किया जा रहा है।प्रारम्भिक दिनों में ज्यादा पालक रुचि नहीं ले रहे थे। परंतु इससे निराश ना होकर शिक्षकों ने उन पालकों से संपर्क कर प्रोत्साहित करने की शुरुआत की जो पालक अपने बच्चों की पढ़ाई संबंधी गतिविधियों को ग्रुप में डाल रहे थे। इससे अन्य पालक भी मोटिवेट हुए और वह भी धीरे धीरे ग्रुप में सक्रिय पालक भागीदारी देने लगे और अपने बच्चों को घर में पढ़ाते हुए इसकी फोटो और वीडियो ग्रुप में डालने लगे।
यह सही है कि शासकीय स्कूलों में अधिकांश बच्चे ऐसे होते हैं जिनके पालक निम्न आय वाले होते हैं, इसलिए सभी पाठकों के पास स्मार्टफोन हो इसकी कल्पना वर्तमान में मुश्किल है। फिर भी जिन पालकों के पास स्मार्टफोन थे, उन पलको से शिक्षकों ने शुरुवात की। अभी वर्तमान में जिन पालकों के पास स्मार्टफोन नहीं है, वह भी आस-पड़ोस से सहयोग प्राप्त कर ग्रुप में अपने बच्चों की फोटो डालते हैं।पालक ग्रुप से प्राप्त थोड़ी सी सफलता को जब कुछ स्कूल के शिक्षकों ने अपने जिला स्तर के ग्रुप में शेयर करने की शुरुवात की तो देखते ही देखते कई अन्य स्कूलों के शिक्षकों ने भी पालक व्हाट्सएप ग्रुप का निर्माण कर बच्चों को पढना प्रारम्भ कर दिया है। देखते ही देखते सिर्फ एक सप्ताह में ही जशपुर जिले के छः विकासखंड इस अभियान में जुड़ गये और कल 18 अप्रैल की तिथि में छः विकासखंड के 45 से अधिक स्कूलों में पालक व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से अध्ययन-अध्यापन की शुरुवात हो चुकी है। साथ ही अब तक 700 से अधिक बच्चे इससे लाभान्वित होकर अपने अध्ययन संबंधी पोस्ट ग्रुप में शेयर कर रहे हैं। वैसे जिले के सभी विकास खंडों मे 150 से अधिक स्कूलों मे पालको का व्हाट्स अप ग्रुप बन गया है और सभी स्कूल धीरे धीरे इस अभियान से जुड़ते जा रहें है।शिक्षक भी जिला ग्रुप में दूसरे स्कूल के बच्चों का फोटोग्राफ्स देखकर मोटिवेट होते हैं, और अपने स्कूल के बच्चों को और पालकों को मोटिवेट कर व्हाट्सएप के माध्यम से नए-नए गतिविधियां करने का निर्देश देते हैं। जिन स्कूलों में पालक व्हाट्सएप ग्रुप का निर्माण असंभव लगता था। वहां भी धीरे-धीरे इसकी शुरुवात हो रही है।
इसी तारतम्य में जिले मे एक और कार्य करने की शुरुवात की गई।चूँकि अप्रैल का आधा महीना व्यतीत हो गया है, इसलिए अब अगले सत्र के अध्ययन अध्यापन की शुरुवात वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में किया गया है। इसके लिए फोन द्वारा पालकों से संपर्क और एसएमसी के सदस्यों से संपर्क कर बच्चों को आपस में अपनी पुरानी किताबें अपने अनुजों को देने के लिए प्रेरित किया। फिर भी कुछ बच्चे ऐसे थे जिनके लिए किताब उपलब्ध नहीं हो पाया। ऐसे बच्चों के लिए शिक्षक प्रतिदिन ग्रुप में 1 चैप्टर का पीडीएफ डाल देते हैं। दूसरे दिन बच्चे उस पीडीएफ को पढ़ते हुए वीडियो बनाकर ग्रुप में डालते हैं। यह शिक्षकों के लिए अत्यंत रोमांचकारी क्षण होता है। यह सोचकर भी की ग्रामीण परिवेश में रहने वाले ये बच्चे, अभावों के बीच भी अपनी ही सीमाएं तोड़ रहे हैं। छोटे क्लासों में गणित और अंग्रेजी जैसे विषयों को व्हाट्सएप जैसे माध्यमों से पढ़ाने की अपनी ही चुनौतियां हैं। इसलिए वर्तमान में जिले के शिक्षक अपने वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में हिंदी विषय को चुना है। और अगले 10 दिनों में हिंदी विषय के किताब को सिर्फ पढ़कर खत्म करने की चुनौती अपने बच्चों को दिया है। शिक्षको के साथ साथ बच्चे भी इसके लिए उत्साहित हैं।
लाक डाउन के इस समय में ग्रामीण क्षेत्रों में और किस प्रकार से अध्ययन-अध्यापन किया जा सकता है, इस संबंध में अभी और भी विचार किया जा रहा है। इस अभियान के सक्रिय सदस्य शिक्षक एलन साहु और उनके शिक्षक साथियों द्वारा अपने विद्यालय आदर्श प्राथमिक विद्यालय बघिमा ब्लॉक जशपुर मे इस योजना का सफलता पूर्वक क्रियान्वयन किया जा रहा है। इन सभी शिक्षकों का कहना है कि हम हमारे स्कूल मे अगली कक्षा के पाठयक्रम को इस प्रकार से जुलाई तक पूर्ण कर लेंगें। इसके बाद बच्चों को उनकी रूचि के अनुसार अन्य कौशल सिखाने के लिये कार्य करेंगे। इस अभियान के तहत इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि बच्चे अपनी क्षमता का पूरा उपयोग करना सीखें और स्व अधययन करने की अच्छी आदत का विकास करें। एक और महत्वपूर्ण बात जो इस अभियान से जुडी है वह यह है कि ग्रामीण क्षेत्र के पालको को भी जागरूक होते हुए देखा जा रहा है। बड़ी संख्या मे जिले के पालक अपने बच्चों को घर पर व्हाट्स अप के माध्यम से पढाई करने में मदद कर रहें है
। इस उपलब्धि पर जिला कलेक्टर निलेश कुमार क्षीरसागर ने भी खुशी जाहिर की है और जिले के सभी शिक्षकोंं , पालको और विद्यार्थियों को बधाई दी है। कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी और सभी विकास खण्ड के शिक्षा से जुड़े अधिकरियोंं को आने वाले दिनों मे अधिक से अधिक स्कूलों को इस अभियान से जोडने की बात कही है। जिला स्तर से जिला शिक्षा अधिकारी एन, कुजूर, यशश्वी जशपुर के नोडल अधिकारी विनोद गुप्ता,सदस्य संजीव शर्मा , अवनीश पांडेय, विकास खंड शिक्षा अदिकारी जशपुर सिद्दकी ,मनोरा लक्ष्मण शर्मा , बी, आर,सी,सी, दीपेंद्र सिंह ,शिक्षक संजय दास सहित सी,ए, सी,आदि नियमित मॉनिटरिंग कर रहे है।