न्यायमित्र मित्र रिपोर्ट में खुली सिम्स की पोल

BHASKAR MISHRA
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high court cgबिलासपुर—-हाईकोर्ट ने आज बिलासपुर सिम्स अस्पताल के अव्यवस्था से संबंधित 12 साल पुरानी एक महत्वपूर्ण मामले में राज्य शासन को जरूरी निर्देश देते हुए मामले को निराकृत कर दिया है.। सिम्स अस्पताल प्रवंधन ने आज हाईकोर्ट के समक्ष अपनी बात रखते हुए कहा कि सिम्स अस्पताल के अव्यवस्था को सुधारने से संबंधित न्यायमित्र सुनीता जैन के सुझावों को शासन के सामने पेश कर दिया गया है। आगे शासन के आदेश मिलते ही इन सुझावों पर अमल किया जाएगा। जिसपर हाईकोर्ट ने शासन को त्वरित कार्रवाई हेतु जरूरी निर्देश जारी कर मामले को निराकृत कर दिया है।

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                  गौरतलब है कि वर्ष 2003 में अखबारों में छपे सिम्स अस्पताल के अव्यवस्था के खिलाफ खबरों को देखकर हाईकोर्ट ने इस मामले को स्वतः संज्ञान में लिया था और फिर सिम्स को जरूरी निर्देश दिए थे। लेकिन लंबे अर्से बाद भी जब सिम्स अस्पताल की व्यवस्था नहीं सुधरी तो फिर हाईकोर्ट द्वारा एक न्यायमित्र का गठन किया गया। न्यायमित्र सुनीता जैन ने पिछले 1 मई को हाईकोर्ट में अपनी रिर्पोट सौंपते हुए सिम्स में अव्यवस्थाओं का अंबार बताया था।.

                                  रिर्पोट में कहा गया है कि सिम्स में सुरक्षा और महिला पुलिस के अलावा अन्य स्टाफों की भी भारी कमी है। मरीजों को साफ पानी और खाने के लिए अस्पताल से बाहर का रास्ता देखना पड़ता है और कई मूलभूत समस्याओं के कारण मरीज परेशान होते हैं। न्यायमित्र ने अपने रिपोर्ट में बताया है कि सिम्स में इलाज के लिए प्रयोग किये जा रहे मशीनों की स्थिति भी ठीक नहीं है। परिवहन वय्वस्था का भी पुख्ता इंतजाम नहीं रखा गया है।

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