बिलासपुर । जनजातीय संस्कृति के अध्ययन के लिए और बैगा जनजाति के लोगों में शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय की नौकरी को छोड़ कर अचानकमार क्षेत्र के लमनी वनग्राम में अपने जीवन का बहुत लंबा बिताने वाले और छपरवा वनग्राम को अपना कार्यस्थल बनाने वाले प्रोफेसर डाॅ प्रभुदत्त खेड़ा की स्मृति को सहेज कर रखने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर में एक अध्ययन पीठ की स्थापना की मांग करते हुए पर्यावरण संरक्षण एंव संवर्धन के लिए कार्य करने वाली समर्पित पंजीकृत संस्था ‘जंगल मितान’ के अध्यक्ष एवं पूर्व पार्षद चंद्र प्रदीप वाजपेयी ने प्रोफेसर प्रभुदत्त खेड़ा की प्रथम पुण्यतिथि पर प्रोफेसर खेड़ा जी को अपनी श्रृद्धांजलि दी । उन्होंने पीठ की माँग को रखने के लिए शीघ्र ही अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर के कुलपति डाॅ गौरीदत्त शर्मा से मुलाकात करने की बात कही । उन्होंने कहा कि यदि उक्त पीठ की स्थापना की जाती है तो जनजातीय संस्कृति के अध्ययन के लिए एक उपयुक्त संरचना का निर्माण हो सकेगा जिसका उपयोग विद्यार्थी, शोधार्थी और शिक्षाविद कर सकेंगे । यह प्रोफेसर प्रभुदत्त खेड़ा जी के शिक्षा के क्षेत्र में दिए गए अमर योगदान को सहेज कर रखने में सहायक सिद्ध होगा ।
प्रो. खेड़ा की स्मृति में ABU में अध्ययन पीठ स्थापित करने की मांग
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