नई दिल्ली-केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली (Arun jaitley) ने रविवार को कांग्रेस पर यह कहते हुए हमला किया कि राफेल (Rafael deal) के संबंध में सरकार के खिलाफ कहा गया हर शब्द झूठा साबित हो गया है और उन्होंने कहा कि राफेल की ऑडिट समीक्षा सीएजी (CAG) के यहां लंबित है. जेटली ने राहुल गांधी(Rahul gandhi) पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राफेल और बोफोर्स के बीच एक अनैतिक समानता दिखाने के लिए बेताब है.राहुल फ्रांस के साथ हुए राफेल सौदे को लेकर मोदी सरकार पर लगातार हमले बोल रहे हैं और उनके उठाए सवालों के उन्हें जवाब नहीं मिल पा रहे हैं, बल्कि इधर-उधर की बातें कर उन सवालों पर पर्दा डालने की पुरजोर कोशिश चल रही है. राहुल का आरोप है कि सवालों पर पर्दा डालने के लिए गलत तथ्य देकर सर्वोच्च न्यायालय तक को गुमराह किया गया.(cgwall.com के व्हाट्सएप्प ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करे)
जेटली ने कहा कि शुक्रवार को आए सर्वोच्च न्यायालय के फैसले ने राफेल सौदे को लेकर बोले गए सभी झूठ का पर्दाफाश कर दिया और सौदे के खिलाफ निहित स्वार्थी लोगों द्वारा बोले गए हरेक तथ्य मनगढंत साबित हो गया है.
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बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने अपने ब्लॉग में फ्रांस से 36 राफेल विमान खरीदने के सौदे का राहुल गांधी के विरोध के पीछे तीन कारण गिनाए हैं. इस सौदे की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अप्रैल 2015 में की थी.
1. उन्होंने कहा कि पहला यह कि वह इस तथ्य को बर्दाश्त नहीं कर सकते कि मोदी ने हाल के देश के इतिहास में सबसे स्वच्छ सरकार चलाई है.
2. जेटली ने लिखा है, ‘दूसरा, राहुल गांधी के सिर पर बोफोर्स द्वारा दागदार एक कलंकित विरासत का बोझा है. वह राफेल और बोफोर्स के बीच एक अनैतिक समानता दिखाने के लिए बेताब हैं.’
3. वित्तमंत्री ने आगे कहा है, ‘तीसरा कारण यह कि अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और सरकारी सहयोग से संप्रग सरकार के घोटालेबाजों को अब प्रत्यर्पण के जरिए भारत लाया जा रहा है.’ जेटली स्पष्ट तौर पर अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे में लाखों डॉलर के भ्रष्टाचार मामले में आरोपी क्रिश्चियन मिशेल का जिक्र कर रहे थे.
जिस सीएजी रिपोर्ट के आधार पर सर्वोच्च न्यायालय ने राफेल सौदे की जांच की मांग करने वाली कई याचिकाओं को खारिज कर दिया, उसके बारे में जेटली ने कहा कि मोदी सरकार ने इसे अदालत के समक्ष तथ्यात्मक रूप से सही तरीके से प्रस्तुत किया था.उन्होंने लिखा है, ‘राफेल की ऑडिट समीक्षा नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) के पास लंबित है. सभी तथ्य उसे दिए गए हैं. जब उसकी रिपोर्ट आएगी, वह लोक लेखा समिति (पीएसी) के पास जाएगी.’
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उन्होंने कहा है, ‘तथ्यात्मक रूप से सही बयान दिया गया था, इसके बावजूद यदि अदालत के आदेश में कोई संदिग्धता पैदा हुई है, तो कोई भी उसके लिए अदालत में आवेदन कर सकता है और उसे दुरुस्त करा सकता है.’