शिक्षा कर्मियों की वेतन विसंगति दूर करने की माँग……. कमलेश्वर ने कहा पिछली सरकार की चूक को सुधारे वर्तमान सरकार

Chief Editor
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छत्तीसगढ़ व्यख्याता(पंचायत/एल बी)संघ के प्रान्ताध्यक्ष कमलेश्वर सिंह,छत्तीसगढ़,भूपेश बघेल ,सरकार,LB शिक्षकों के प्रमोशन,शिक्षाकर्मियों के संविलियन, रायपुर ।   छत्तीसगढ़ के पूर्ववर्ती सरकार 8 वर्ष की सेवा पूर्ण अवधि में छठवाँ वेतनमान एवम् स्कूल शिक्षा विभाग में संविलयन करते हुए सातवां वेतनमान के पे मैट्रिक्स के पे लेवल में वेतन प्रदान कर रही है  । परन्तु उनसे यह चूक हो गयी है कि पदोन्नति से वंचित शिक्षको को क्रमोन्नत वेतनमान नही दी  साथ ही वर्ग 3 एवम् वर्ग 2 के बीच ग्रेड पे के अंतर में वेतन विसंगति उतपन्न कर दी और दूर करने के प्रयास नही किये ।   इससे 1 लाख 30 हजार शिक्षाकर्मी संविलयन होने के पश्चात भी पूर्ववर्ती सरकार अच्छी खासी नराज रहे ।उन्हें भुनाने के लिए वर्तमान सरकार अपने मेनिफेष्टो में इन मुद्दों को शामिल कर शिक्षाकर्मियों का दिल जीत लिया  ।
छ.ग.व्यख्याता(पं/एल बी) संघ के प्रान्ताध्यक्ष एवम् आम शिक्षक (पं/ननि) सवर्ग एकता मंच के संचालक कमलेश्वर सिंह नेयह जानकारी देते हुए बताया कि  शासन ने घोषणा पत्र में दिए गए वादों को पूर्ण करने शिक्षा कर्मियो के लिए 10 हजार करोड़ की राशि विनियोग अनुपूरक बजट में रखी है  । जो स्वागत योग्य है ।  परन्तु वेतन विसंगति को दूर करने और पदोन्नति से वंचित शिक्षक (एल बी )  सवर्ग को प्रथम ,द्वितीय,तृतीय ,एवम् चतुर्थ स्तरीय क्रमोन्नत वेतनमान देने के सम्बद्ध कोई खुलासा नही किया है  । जिससे वर्तमान सरकार को सत्ताशीन करने वाले 1लाख 30 हजार शिक्षा कर्मी आशंकित है ।  वहीँ 48 हजार शिक्षा कर्मी संविलयन के दायरे में आने से प्रफुल्लित है जो  कि वाजिब है ।
 उन्होने आगे कहा कि राज्य में विधिवत रूप से 1998 शिक्षा कर्मी क्रमशः सहायक शिक्षक ,शिक्षक,एवम् व्यख्याता के पद विरुद्ध कार्य करते आ रहे है  । यदि राज्य सरकार 2 वर्ष की सेवावधि पूर्ण तिथि स्कूल विभाग में संविलयन के आदेश करते है तो सरकार को यह भी स्पष्ट करनी चाहिए कि 1998 से कार्यरत शिक्षा कर्मियो की 2 वर्ष की सेवा सन् 2000 में पूर्ण हो रही है और उन्हें 2000 से स्कूल शिक्षा विभाग के नियमित कर्मचारी माना जाये  । साथ ही  उनका वेतन निर्धारण भूतलक्षी प्रभाव से सर्वप्रथम म .प्र.वेतन पुनरीक्षण नियम1998 के तहत 31 दिसम्बर 2005 तक शिक्षा कर्मी 03 का 4000-100-6009,वर्ग02 का 5000-150-8000 तथा वर्ग 01 का 5500-175-9000 में वेतन निर्धारण किया जाये ।दिनांक 1 जनवरी 2006 से छत्तीसगढ़ वेतन पुनरीक्षण नियम 2009 के तहत क्रमशःसहायक शिक्षक का  5200-20209-2400, शिक्षक का 9300-34800-4200तथा व्यख्याता का 9300-34800-4300 में पुनरीक्षित वेतन बैंड एवम् ग्रेड पे में वेतन निर्धारित करते हुए प्रत्येक वर्ष वेतनवृद्धि प्रदान की जाये ।पुनः 1जनवरी 2016 से छ .ग. वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 के तहत सातवां वेतन के पे मैट्रिक्स ने वेतन निर्धारित किया जाये तथा 2000 से नियमित शिक्षक घोषित करते हुए वर्तमान में कार्यरत स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षको के साथ वरिष्ठता सूची तैयार करते हुए प्रधान पाठक एवम् प्राचार्य पद पर पदोन्नति दी जाएं एवम् पदोन्नति से वंचित शिक्षको को प्रथम एवम् दुवितीय क्रमोन्नत वेतनमान मे सातवाँ वेतनमान दिया जाये ।
 छ.ग.व्यख्याता(पं/एल बी)संघ के प्रान्ताध्यक्ष एवम् आम शिक्षक (पं/ननि) सवर्ग एकता मंच के संचालक कमलेश्वर सिंह ने बताया कि उपरोक्तानुसार कार्यवाही नही किये जाने पर उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेंगे तथा 1लाख 30 हजार शिक्षा कर्मी शिक्षक पुनः लामबद्ध होकर आंदोलन की तैयारी करेंगे ।
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