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बिलासपुर।शिक्षा विभाग ने वर्तमान में शिक्षकों के 14580 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया है।विगत एक जुलाई 2018 को शिक्षक पंचायत/नगरीय निकाय संवर्ग के 8 वर्ष पूर्ण कर चुके शिक्षकों का शिक्षा विभाग में संविलयन किया गया था। वहीं संविलयन की इस प्रक्रिया में संवर्ग के 8 वर्ष से कम सेवा अवधि वाले लगभग 48 हजार शिक्षाकर्मी संविलयन से वंचित रह गए हैं। सीधी भर्ती से पहले वंचित 48 हजार शिक्षाकर्मियों का संविलयन करने शिक्षक पंचायत/नगरीय निकाय संघ के प्रांताध्यक्ष डॉ गिरीश केशकर ने शिक्षा सचिव के नाम एक पत्र लिखा है।सीजीवालडॉटकॉम के WhatsApp ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करे
सचिव को लिखे गए पत्र में डॉ केशकर ने कहा है कि एक तरफ शिक्षा विभाग में शिक्षकों के 14580 पदों पर भर्ती के लिये विज्ञापन जारी किया गया है। वहीं दूसरी तरफ अभी भी 48 हजार शिक्षाकर्मी संविलयन से वंचित हैं।
सभी शिक्षाकर्मियों के संविलयन से पहले यदि सीधी भर्ती किया जाता है तो ये पहले से शासकीय स्कूलों में कार्यरत 1 से 7 वर्ष अनुभवी 8 वर्ष से कम सेवा अवधि वाले शिक्षाकर्मियों के साथ अन्याय होगा। एक उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि यदि 8 वर्ष से कम कोई सहायक शिक्षक पंचायत किसी शासकीय विद्यालय में अपनी सेवा दे रहा है उसका वेतन आज लगभग 10 हजार से 12 हजार होगा।
वहीं सीधी भर्ती से आज कोई सहायक शिक्षक नियुक्त होता है तो उसका वेतन वेतन मेट्रिक लेवल 6 के अनुसार 30 हजार से अधिक होगा। वहीं वंचित शिक्षाकर्मी शिक्षा विभाग में आज नियुक्त शिक्षक से सेवा संबंधी, क्रमिन्नति पदोन्नति सहित अनेको मामलो में कनिष्ट हो जाएगा।
ऐसे में वंचित शिक्षाकर्मी के मनः स्थिति पर बुरा प्रभाव डालनेवाला होगा। पत्र में प्रांताध्यक्ष डॉ केशकर ने शिक्षा सचिव से आग्रह किया है कि सीधी भर्ती से पहले वंचित सभी 48 हजार शिक्षाकर्मियों का शिक्षा विभाग में पहले संविलयन कर दिया जाए।