बिलालसपुर….अमित जोगी ने भाजपा के संकल्प से सिद्दि तक कार्यक्रम को आडे हाथ लिया है। जोगी ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बदहाल है। बेहतर होता कि भारतीय जनता पार्टी के नेता संकल्प से सिद्धि कार्यक्रम के बजाय बदहाली से बुद्धि कार्यक्रम का आयोजन करते तो शायद प्रदेश की हालत सुधरती।
अमित जोगी ने भाजपा के कार्यक्रम पर निशाना साधते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में कृषि, शिक्षा, उद्योग और स्वास्थ सभी क्षेत्रों में बदहाली की स्थिति है। सुपेबेड़ा और मेकाहारा में ऑक्सीजन की कमी से हुई नवजातों की मौत ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की कलई खोल दी है। स्वास्थ अधिकारियों की लापरवाही से तीन मासूमों की जान चली गयी। बावजूद इसके दोषियों पर कार्यवाही नहीं हुई है। मामले को दबाने को दबाया जा रहा है। राज्य के अस्पतालों में न स्टाफ है न ही अधोसंरचना। मेडिकल इक्विपमेंट्स में जंग लग चुके हैं। गरियाबंद जिले के सूपेबेडा में सालों से ग्रामवासी किडनी की अज्ञात बिमारी से मर रहे हैं। पिछले पंद्रह सालों में सरकार ने एक भी प्राथमिक स्वास्थ उपचार केंद्र नहीं खोला है।
केंद्रीय स्वास्थ मंत्री जेपी नड्डा के एक दिवसीय प्रदेश दौरे का जिक्र करते हुए जोगी ने कहा कि अच्छा होता कि केंद्रीय स्वास्थ मंत्री सुपेबेड़ा जाकर वहां के हालात देखते। सुपेबेड़ा के ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर भयावह स्थिति से अवगत कराया था। लेकिन दिल्ली से आये जांच दल ने केवल सैर सपाटा किया। नौ वर्षों से लगातार किडनी की अज्ञात बिमारी से मर रहे ग्रामीणों की संख्या बढती ही जा रही है।अगर केंद्र और राज्य सरकार ने गंभीरता से नहीं लिया तो एक दिन गाँव में कोई नहीं बचेगा।
मरवाही विधायक ने प्रेस नोट जारी कर कहा है कि सरकार यदि इसी तरह हाथ पर हाथ धरे बैठी रही और गंभीरता से ध्यान नहीं दिया तो जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ सूपेबेडा ग्रामवासियों के साथ राजधानी रायपुर और दिल्ली में न्याय की गुहार लगाने और स्वास्थ के आभाव में मर रहे मासूम ग्रामीणों को बचाने बड़ा आंदोलन करेगी।
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