स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांति लायेगा राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन,मोदी ने लाल किले से दिया ये मंत्र,जानिए क्या है National Infrastructure Pipeline Project

Chief Editor
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देश को दिये अपने संबोधन में आज से राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन शुरु किये जाने की घोषणा करते हुए कहा कि यह भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में नयी क्रांति लेकर आयेगा। ।श्री मोदी ने कहा, “देश में आज से एक बहुत बड़ा अभियान शुरू होने जा रहा है, नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन। अब आपका हर टेस्ट, हर बीमारी, आपको किस डॉक्टर ने कौन सी दवा दी, आपकी रिपोर्ट्स क्या थीं, ये सारी जानकारी एक हेल्थ आईडी में समाहित होंगी।”उन्होंने कहा कि जब कोरोना शुरु हुआ था, तब हमारे देश में कोरोना टेस्टिंग के लिए सिर्फ एक लैब थी। आज देश में 1,400 से ज्यादा लैब हैं।

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प्रधानमंत्री मोदी ने  कहा कि कोरोना के इस असाधारण समय में, सेवा परमो धर्म: की भावना के साथ, अपने जीवन की परवाह किए बिना हमारे डॉक्टर्स, नर्सें, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस कर्मी, सफाई कर्मचारी, पुलिसकर्मी, सेवाकर्मी समेत अनेक लोग चौबीसों घंटे लगातार काम कर रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने 74वें स्वतंत्रता दिवस पर देश को मेक इन इंडिया के साथ मेक फॉर वर्ल्ड का मंत्र दिया है। लाल किले की प्राचीर से उन्होंने कहा है कि आज दुनिया की बहुत बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत का रुख कर रही हैं। हमें मेक इन इंडिया के साथ-साथ मेक फॉर वर्ल्ड के मंत्र के साथ आगे बढ़ना है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर कब तक हमारे ही देश से गया कच्चा माल, प्रोडक्ट बनकर भारत में लौटता रहेगा?

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत को आधुनिकता की तरफ तेज गति से ले जाने के लिए देश के ओवरऑल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को एक नई दिशा देने की जरूरत है। ये जरूरत पूरी होगी नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन प्रोजेक्ट से।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर पर देश 100 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। अलग-अलग सेक्टर्स के लगभग 7 हजार प्रोजेक्ट्स को चिह्न्ति भी किया जा चुका है। ये एक तरह से इंफ्रास्ट्रक्चर में एक नई क्रांति की तरह होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान आत्मनिर्भर भारत पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि सिर्फ कुछ माह पहले तक एन.95 मास्कए पीपीई किटए वेंटिलेटर ये सब हम विदेशों से मंगाते थे। आज इन सभी में भारत, न सिर्फ अपनी जरूरतें खुद पूरी कर रहा है, बल्कि दूसरे देशों की मदद के लिए भी आगे आया है।उन्होंने कहा कि एक समय था, जब हमारी कृषि व्यवस्था बहुत पिछड़ी हुई थी। तब सबसे बड़ी चिंता थी कि देशवासियों का पेट कैसे भरे। आज जब हम सिर्फ भारत ही नहीं, दुनिया के कई देशों का पेट भर सकते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का मतलब सिर्फ आयात कम करना ही नहीं, हमारी क्षमताएं हमारी क्रिएटिविटी, हमारी स्किल्स को भी बढ़ाना है।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कौन सोच सकता था कि कभी देश में गरीबों के जनधन खातों में हजारों-लाखों करोड़ रुपए सीधे ट्रांसफर हो पाएंगे, कौन सोच सकता था कि किसानों की भलाई के लिए एपीएमसी एक्ट में इतने बड़े बदलाव हो जाएंगे।

प्रधानमंत्री ने बताया कि वन नेशन, वन टैक्स, इंसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड, बैंकों का मर्जर, आज देश की सच्चाई है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा “इस शक्ति को, इन रिफॉर्म्स और उससे निकले परिणामों को देख रही है। बीते वर्ष, भारत में एफडीआई ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। भारत में एफडीआई में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister of India) ने अपने भाषण में कहा कि भारत को आधुनिकता की तरफ, तेज गति से ले जाने के लिए, देश के Overall Infrastructure Development को एक नई दिशा देने की जरूरत है. ये जरूरत National Infrastructure Pipeline Project से पूरी होगी. प्रधानमंत्री ने बताया कि इस पर देश 100 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. अलग-अलग सेक्टर्स के लगभग 7 हजार प्रोजेक्ट्स की पहचान भी की जा चुकी है. ये एक तरह से इंफ्रास्ट्रक्चर में एक नई क्रांति की तरह होगा.

क्या है National Infrastructure Pipeline Project – एक अनुमान के मुताबिक भारत को तेज आर्थिक वृद्धि दर के लिए साल 2030 तक इंफ्रास्ट्रक्चर (ढांचागत सुविधाओं) पर 4.5 लाख करोड़ डॉलर खर्च करने होंगे. नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन के जरिए इस काम को अंजाम दिया जाएगा.इस पर देश 100 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, ‘एनआईपी से अर्थव्यवस्था को कई तरह से फायदा होगा. कारोबार का विस्तार बढ़ेगा. रोजगार के मौके बनेंगे. लोगों के जीवन स्तर में सुधार आएगा. इससे इकनॉमिक ग्रोथ का असर कई स्तर पर दिखेगा. ढांचागत सुविधाओं पर खर्च बढ़ाने से आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी. सरकार को रेवेन्यू बढ़ाने में मदद मिलेगी. परियोजनाओं को समय पर पूरा करने में मदद मिलेगी.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल में कहा था कि इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पर 102 लाख करोड़ रुपये खर्च करने से भारत को 2025 तक 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी. दरअसल, इतनी बड़ी रकम खर्च करने से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा. इससे अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ेगी, रोजगार के मौके पैदा होंगे और सरकार का राजस्व बढ़ेगा.सीतारमण ने कहा कि जिन प्रोजेक्ट की पहचान की गई है, उनका नाता पावर, रेलवे, शहरी सिंचाई, परिवहन, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे सेक्टरों से है. एनर्जी से जुड़े करीब 25 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट की रूपरेखा तैयार है. इसके अलावा सड़कों से जुड़े 20 लाख करोड़ रुपये और रेलवे से जुड़े 14 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट की रूपरेखा तैयार है

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