लोकगायिका रेखा देवार को मिला दाऊ मंदराजी सम्मान, ग्रामीणों में ख़ुशी की लहर

Chief Editor
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तखतपुर ( टेकचंद कारड़ा )।कभी स्कूल की दहलीज पर पैर भी नही रखने वाली रेखा देवार को उनकी लोक गायिकी को देखकर छत्तीसगढ सरकार ने दाऊ मंदरा जी सम्मान से पुरस्कृत किया है। जो उन्हे राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया गया।
ग्रामीण क्षेत्र की प्रतिभा को प्रोत्साहित करते हुए छत्तीसगढ सरकार ने कुकुसदा की लोक गायिका रेखा देवार को दाऊ मंदरा जी सम्मान से नवाजा है। जिसे सोमवार को छत्तीसगढ राज्य के स्थापना दिवस पर रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सम्मानित किया । तखतपुर मुख्यालय से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम कुकुसदा में निवासरत रेखा देवार प्रारंभ से ही लोककला में रूची रखती रहीं है और क्षेत्र की ख्याति प्राप्त लोक गायिका है । भले ही उन्होने शिक्षा के नाम पर स्कूल की देहरी में पांव नही धरा है । लेकिन लोककला के क्षेत्र में उसकी प्रतिभा पूरे क्षेत्र में फैली हुई है। अपनी अद्भूत गायन शैली से वह किसी भी मंच पर अपनी छाप छोड देती है । क्षेत्र के सांस्कृतिक मंचों पर उसकी प्रस्तुति जान डाल देती है ।

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रेखा ने गायन की शुरूआत बाल्यकाल से ही किया और धीरे धीरे उसकी गायन शैली में निखार आता गया । हाल ही में उन्होने राजिम में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की थी। रेखा के पति विजय सिंह ठाकुर और उसके दो पुत्र कोमल सिंह और पुरूषोत्तम सिंह तथा एक पुत्री ललिता सिंह है। जैसे ही रेखा को छत्तीसगढ शासन की ओर से दाऊ मंदरा जी सम्मान की जानकारी गांव में मिली गांव के लोगों में खुशी आ गई और ग्रामीणों ने सरकार के प्रति आभार माना कि उन्होने ग्रामीण प्रतिभा को भी सम्मानित किया । य़ह पूरे क्षेत्रवासियों का सम्मान है।।

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