Bank Strike- बैंक कर्मचारियों की हड़ताल से बैंकिंग सेवाओं पर पड़ा असर,ये है हड़ताल की बड़ी वजह

Shri Mi
3 Min Read

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारियों की सरकारी बैंकों का निजीकरण करने के खिलाफ हड़ताल से बृहस्पतिवार को देश के कई क्षेत्रों में सामान्य बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हो रही है। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक्स यूनियन (यूएफबीयू) के नेतृत्व में ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कनफेडरेशन (एआईबीओसी), ऑल इंडिया बैंक एम्प्लाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) और नेशनल ऑर्गेनाईजेशन ऑफ़ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) समेत नौ अन्य बैंक यूनियनों ने दो दिन (16 और 17 दिसंबर) की हड़ताल का आह्वान किया था।

Join Our WhatsApp Group Join Now

बैंक से जुड़े काम यहां करें पूरे- इस हड़ताल के कारण देश भर की बैंक शाखाओं में जमा और निकासी, चेक निकासी और ऋण मंजूरी जैसी सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। इस दौरान एटीएम के हालांकि हमेशा की तरह काम करने की उम्मीद है। सार्वजानिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक सहित अन्य सरकारी बैंकों ने ग्राहकों को सूचित किया था कि हड़ताल के कारण उनकी शाखाओं में सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और कोटक महिंद्रा जैसे अगली पीढ़ी के बैंक हमेशा की तरह सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। एआईबीईए के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने बताया कि यह हड़ताल सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के सरकार के फैसले के खिलाफ है जो राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभा रहे हैं। वही एआईबीओसी की महासचिव सौम्या दत्ता ने कहा कि इस दो दिवसीय हड़ताल में देश भर से करीब सात लाख कर्मचारी शामिल हैं।

SBI ने कस्टमर को किया सूचित – भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) सहित ज्यादातर बैंकों ने अपने ग्राहकों को सूचित किया है कि हड़ताल की वजह से चेक समाशोधन और कोष हस्तांतरण जैसी बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कनफेडरेशन (एआईबीओसी) के महासचिव सौम्य दत्ता ने कहा कि बुधवार को अतिरिक्त मुख्य श्रम आयुक्त के समक्ष सुलह-सफाई बैठक विफल रही और यूनियनों ने हड़ताल पर जाने के फैसले को कायम रखा है।

ये है हड़ताल की बड़ी वजह – सरकार ने बजट 2021-22 में इस साल के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव किया था। दो दिन की हड़ताल (16 और 17 दिसंबर) का आह्वान यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक्स यूनियन (यूएफबीयू) ने इसी वजह से किया है।

By Shri Mi
Follow:
पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
close