गुप्त नवरात्र की नवमी तिथि पर भक्तों ने लिया मां महामाया का आशीर्वाद

Shri Mi
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रामानुजगंज (पृथ्वीलाल केशरी) हिन्दू धर्म में मां दुर्गा को शक्ति का प्रतीक माना जाता है। देवी दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए लोग साल में चार बार नवरात्रि मनाते हैं। इन चार नवरात्रियों में दो उदय नवरात्रि एवं दो गुप्त नवरात्रि शामिल है। इसे उत्तर भारत के ज्यादातर जगहों पर मनाई जाती है। शुक्ल पक्ष के आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्र 30 जून से शुरू हुई थी साधक लोगों ने दस महाविद्यया के साथ ही गोपनीय शक्तियों का आह्वान कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस बार पूर्ण तिथि होने के कारण नवरात्र पूरे 09 दिनों का रहा। प्रमुख देवियों में गुप्त नवरात्र के दौरान कई साधक महाविद्या ( तंत्र साधना ) के लिए मां काली,तारा देवी,त्रिपुर सुंदरी,भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता,त्रिपुर भैरवी,मां घूमावती,माता बगलामुखी,मातंगी और कमला देवी की पूजा करते हैं।

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गुप्त नवरात्रि में प्रलय एवं संहार के देवो के देव महादेव एवं मां काली की पूजा का भी विधान है। इसलिए साधक गुप्त सिद्धियों को अंजाम देते हुए चमत्कारी शक्तियों को प्राप्त कर स्वामी बन जाते हैं। नवरात्रि के नौ दिन देवी दुर्गा के 9 अलग-अलग रूपों की पूजा करते हुए भगतों ने इस गुप्त नवरात्रि में भी लोग व्रत पूजा, उपवास आदि करते हुए दुर्गा सप्तशती का पाठ,दुर्गा चालीसा,दुर्गा सहस्त्रनाम के पाठ कर आशीर्वाद ग्रहण किया। गुप्त नवरात्रि विशेषकर तांत्रिक क्रियाएं,शक्ति साधना,महाकाल आदि से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्त्व रखती है। इस दौरान देवी भगवती के साधक बेहद कड़े नियम के साथ व्रत और साधना करते हैं। इस दौरान लोग लंबी साधना कर दुर्लभ शक्तियों की प्राप्ति हेतु अथक प्रयास करते हैं।

वैसे देखा जाए तो आमतौर पर लोगों को उदय नवरात्रि का ही ज्यादा ज्ञान होता है गुप्त नवरात्रि के बारे में बहुत कम लोग ही जान पाते हैं। जानकारों ने गुप्त नवरात्रि के नवमी तिथि के पावन अवसर पर आज मां महामाया मंदिर में मत्था टेकते हुए पूजा अर्चना कर मां का आशीर्वाद प्राप्त किया।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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