VIDEOः पहले गुजरात..अब मणिपुर को जलाया…प्रधानमंत्री ने नहीं किया राजधर्म का पालन…बोले मंत्री मोहन मरकाम…नियमितिकरण पर कही यह बात

Editor
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बिलासपुर—मंत्री बनने के बाद पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम का पहली बार बिलासपुर आगमन हुआ। सर्किट हाउस में कांग्रेस नेताओं विधायक और मेयर के साथ फूल माला के साथ आत्मीय स्वागत किया। कार्यकर्ताओं से मेल मुलाकात के बाद मोहन मरकाम ने पत्रकारों से संवाद किया।

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उन्होने बताया कि आने वाले तीन महीनों में टी 20 अंदाज में काम किया जाएगा। मरकाम ने कहा कि पहले गुजरात को जलाया…अब मणिपुर को जलाया जा रहा है। दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने राजधर्म का पाठ ना तो ठीक से सीखा है। और ना ही मणिपुर मामले में निभाया ही है। 

आदिवासी और अनुसूचित जनजाति विभाग मंत्री बनने के बाद मोहन मरकाम पहली बार बिलासपुर पहुंचे। विधायक और मेयर की अगुवाई में कांग्रेसियों ने मरकाम का जबरदस्त स्वागत किया।

मरकाम ने कहा…खेलेंगेै टी 2-

चुनाव के ठीक तीन महीने पहले मंत्री बनाया जाना किसी रणनीति का हिस्सा है या असंतोष। सवाल पर मोहन मरकाम ने कहा कि चार साल संगठन का काम किया। हाईकमान के निर्देश पर अब मंत्री की जिम्मेदारी मिली है। अब मंत्री रहते हुए आने वाले तीन महीने में विभाग की योजनाओं की समीक्षा कर तेजी के साथ हितग्राहियों तक पहुंचाया जाएगा।

मरकाम ने कहा कि क्रिकेट में टी 20 का खेल होता है। तेजी के साथ सरकार की योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाया जाएगा। मंत्री ने बताया कि जिम्मेदारी मिलने के बाद दुर्ग रायपुर और अन्य संभाग के बाद आज बिलासपुर में विभागीय बैठक करूंगा। अधिकारियों और लोगों से चर्चा कर वस्तुस्थिति और कामकाज का जायजा लूंगा।

 

पुलिस अपना काम कर रही

मणिपुर हिंसा मामले के साथ प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ की निंदा की है। हमारी सरकार मामले में तेजी से काम कर रही है। फर्जी जाति मामले में तेजी से कार्रवाई हुई है। कुछ लोग कोर्ट गए हैं। हमने उसका भी जवाब दे दिया है। कई लोगों को बाहर निकाला गया है। हमारी सरकार गंभीर है। किसी को नहीं बख्शा जाएगा। बस्तर में बच्ची के साथ बलात्कार पर मोहन मरकाम ने कहा कि तेजी से कार्रवाई हुई है। आरोपी को पकड़ा गया है। पुलिस अपना काम कर रही है। किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा।

 

प्रधानमंत्री ने नहीं किया राजधर्म का पालन

क्या प्रधानमंत्री मणिपुर हिंसा में राजधर्म निभा रहे हैं..जैसा की उन्हें भी गुजरात के समय राजधर्म निभाने का पाठ पढ़ाया गया था। मोहन मरकाम ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी राजधर्म का बिलकुल पालन नहीं कर रहे हैं। साल 2002 में गुजरात जला। अब मणिपुर हिंसा की आग जल रहा है। प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी है कि देश के प्रत्येक नागरिकों की संवैधानिक करें। मणिपुर हिंसा को लेकर देश में आक्रोश है। सभी धर्म जाति के लोग मणिपुर हिंसा को लेकर चिंतित है। जैसे जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है…प्रधानमंत्री मोदी अपनी राजनीति की रोटी सेंकने लगे हैं। 

विपक्ष कहीं है ही नहीं…भाजपा अपना घर देखे

 

विपक्ष भारी पड़ रहा था इसलिए मरकाम को मंत्री बनाया गया। मंत्रीमंडल में फेरबदल  किया गया। सवाल मोहन मरकाम ने कहा कि विपक्ष है कहां…जो भारी पड़ेगा। 14 सीट में सिमट गए। अब तो उतना भी मुश्किल है। विपक्ष तो कहीं दिखता ही नहीं। दरअसल भारतीय जनता पार्टी के नेता एक दूसरे को पचा नहीं पा रहे हैं। साढ़े चार सालों में भाजपा ने तीन अध्यक्ष बदल दिया। और तो और कभी नेता प्रतिपक्ष भी बदले जातें हैं। लेकिन अब तो नेताप्रतिपक्ष भी बदल दिया गया। भाजपा कहीं है ही नहीं। उसे अपना घर देखना चाहिए।

 

नियमितिकरण पर सरकार गंभीर

संविदा कर्मचारियों के नियमतितिकरण की मांग और अस्मा लगाए जाने के सवाल पर मोहन मरकाम ने कहा कि सरकार ने 27 प्रतिशत वेतन बढ़ाया है। सरकार को जनघोषणा पत्र की जानकारी है। आगे भी संविदा कर्मचारियोंके नियमितिकरण को लेकर सरकार गंभीर है। और विचार भी कर रहे हैं।


 

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